Kanpur: Inter-state fake stamp and two ticket sellers selling tickets arrested
Kanpur: Inter-state fake stamp and two ticket sellers selling tickets arrested 
उत्तर-प्रदेश

कानपुर : अन्तर्राज्यीय नकली स्टाम्प व टिकट बिक्री करने वाले दो स्टाम्प विक्रेता गिरफ्तार

Raftaar Desk - P2

-गिरोह का नेटवर्क पश्चिम बंगाल, बिहार तक फैला -मोबाइल के जरिए अन्य साथियों को लगाया जा रहा सुराग कानपुर, 14 जनवरी (हि.स.)। जनपद के साथ आसपास के कई जिलों व राज्यों में फैले जाली स्टाम्प व नोटरी टिकट बिक्री करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कानपुर पुलिस ने किया है। पुलिस ने गिरोह का संचालन करने वाले दो स्टाम्प विक्रेताओं को पकड़ा है। इनके कब्जे से पुलिस को 5.50 लाख रुपये के स्टाम्प टिकट बरामद हुए हैं। इस गिरोह द्वारा बड़े पैमाने पर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा था। पुलिस इनके गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाकर धरपकड़ में जुट गई है। पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने गुरुवार को पुलिस लाइन में नकली स्टाम्प निकट बिक्री करने वाले गिरोह का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कानपुर में जाली स्टाम्प व नोटरी टिकट की बिक्री करके सरकार को लाखों को चूना लगाया जा रहा था। इस गिरोह की भनक पुलिस को उस वक्त लगी जब शहर में फर्जी वसीयतनामा व एग्रीमेंट होने की शिकायत मिली। जिसके आधार पर पुलिस अधीक्षक दक्षिण दीपक कुमार, गोविन्द नगर क्षेत्राधिकारी विकास कुमार पांडेय के नेतृत्व में बर्रा थाना प्रभारी हरमीत सिंह की टीम को लगाया गया। सूचना के आधार पर बर्रा इंस्पेक्टर ने सचान चौराहे के पास से दो लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गए कर्नलगंज में रहने वाले मो. शीजान व प्रयागराज जनपद के कैंट थानाक्षेत्र स्थित स्टेनली रोड निवासी रंजीत कुमार रावत निकले। तलाशी में उनके कब्जे से साढ़े 5 लाख रूपये के कीमत के जाली स्टाम्प एवं जाली नोटरी टिकट बरामद हुए। नकली स्टाम्प टिकट मिलने पर दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया। जांच में इनके द्वारा जाली, कूट रचित स्टांप व जाली नोटरी टिकट बेचने का पता चला है। पुराने स्टाम्प पेपर व निकट का करते थे प्रयोग डीआईजी ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपियों द्वारा पता चला कि वह स्टाम्प विक्रेता हैं। साथ ही दोनों के पास नोटरी का लाइसेंस भी हैं। यह दोनों काफी समय से नकली व पुराने स्टाम्प पेपर व टिकटों को बिक्री के साथ ही फर्जी रजिस्ट्री, इकरारनामा, मुख्तारनामा, वसीयतनामा, शपथ पत्र आदि बनाते हैं और सरकारी राजस्व को हानि पहुंचा रहे थे। बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि बिहार के भागलपुर, पटना व पश्चिम बंगाल के कोलकाता से पुराने प्रयोग किए गए स्टाम्प खरीद लेते थे। इसके बाद उन पर ब्लीचिंग के जरिए लिखावट को साफ कर लिया जाता था। इसके बाद उन्हें दोबोरा प्रयोग में लाया जाता था। यही नहीं पुराने स्टाम्प होने के चलते महंगे दामों पर उन्हें बेचा जाता था। साथ ही यह लोग जाली टिकट भी छपे हुये लाते हैं। नकली स्टाम्प व जाली टिकटों को कानपुर, प्रयागराज के साथ आसपास के कई जिलों में अपने साथियों के जरिए अवैध रूप से बेचे जाने का पता चला है। इनके कब्जे से लगभग 5.50 लाख रुपये के स्टाम्प टिकट बरामद किए हैं। आरोपितों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है ताकि गिरोह से जुड़े अन्य नकली स्टाम्प विक्रेताओं का पता लगाया जा सके। फिलहाल अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/मोहित/दीपक-hindusthansamachar.in