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उत्तर-प्रदेश

भारत-नेपाल सीमा : वाहनों का आवागमन शुरू करने लिए अपने ही सरकार के विरोध में उतरे नेपाली नागरिक

Raftaar Desk - P2

महराजगंज, 20 फरवरी (हि.स.)। कोरोना के चलते सोनौली स्थित भारत-नेपाल सीमा को 22 मार्च 2020 से सील है। सोनौली सीमा से सिर्फ मालवाहक वाहनों के प्रवेश की अनुमति है। 29 जनवरी को नेपाल गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ हरी झंडी मिली। उसके बाद बार्डर खुलने की अनुमति मिली थी। अब सोनौली सीमा से लोग पैदल आ-जा रहे हैं। बावजूद इसके अभी बड़े वाहनों का आवागमन नहीं शुरू हो सका है। अब नेपाल के लोग ही अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। भारत से सटे नेपाल के बेलहिया व महेशपुर में विभिन्न व्यापारिक व सामाजिक संगठनों के लोग तकरीबन सप्ताह भर से प्रदर्शन कर रहे हैं। नेपाली प्रदर्शनकारियों को अब भारत के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का भी समर्थन मिल रहा है। आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सीमा पर मालवाहक वाहनों के आवागमन को भी रोकने की चेतावनी दी है। विरोध में उतरे नेपाली संगठन कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च 2020 से भारत-नेपाल सीमा सील है। सोनौली सीमा से सिर्फ मालवाहक वाहनों के प्रवेश की अनुमति है। 29 जनवरी को नेपाल गृह मंत्रालय की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद भारत की सीमा से जुड़े 20 नए बार्डरों को कुछ शर्तो के साथ खोलने की अनुमति मिली थी। अब लोग पैदल आ-जा रहे हैं। फिलहाल, किसी भी सीमा से यात्री वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इनकी अगुवाई में चल रहा विरोध नेपाल सरकार के इस रवैये के विरोध में भैरहवा के विधायक संतोष पांडेय, सिद्धार्थ होटल संघ रूपनदेही नेपाल के अध्यक्ष सीपी श्रेष्ठ, भारत नेपाल मैत्रीय संघ के अध्यक्ष अनिल गुप्ता आदि के नेतृत्व में लगातार प्रदर्शन चल रहा है। इनके समर्थन में सोनौली व्यापार मंडल व सोनौली ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन व कस्टम संघ के पदाधिकारी भी आ गए हैं। पर्यटन व्यवसाय को भारी क्षति, बेरोजगार हुए युवा सोनौली सीमा से लोगों को पैदल आवागमन की छूट मिलने के बाद भी नेपाल के पर्यटन व्यवसाय को गति नहीं मिल पा रही है। वाहन ले जाने की अनुमति न मिलने से लोग नेपाल जाने से कतरा रहे हैं। सिद्धार्थ होटल संघ रूपनदेही नेपाल के अध्यक्ष सीपी श्रेष्ठ ने बताया कि नेपाल की पूरी अर्थ व्यवस्था पर्यटन व्यवसाय पर टिकी है। पैदल आवागमन में छूट देने का कोई मतलब नहीं है। जब तक वाहनों को पूर्व की भांति आने-जाने नहीं दिया जाएगा, पर्यटक नहीं आएंगे। सीमा सील होने से नेपाली जनता को बड़ी हानि उठानी पड़ी है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। सीमा खोलने के लिए पहल करे नेपाल सरकार नवल परासी के सांसद देवेंद्र राज कंडेल व पूर्व मंत्री गुलजारी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। इन्होंने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए टीका आने के बाद अब खतरा बहुत हद तक टल गया है। पहले की भांति सीमा खोलने के लिए सरकार को अविलंब निर्णय लेना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्र में स्थिति दिनों दिन गंभीर होती जा रही है। बड़ी संख्या में व्यापारी पलायन के लिए मजबूर हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद/दीपक