बांदा,13 अप्रैल(हि.स.)। शहर के सुप्रसिद्ध देवी मंदिर महेश्वरी देवी में कोविड प्रोटोकॉल का असर साफ दिखाई दे रहा है। यहां आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भ गृह में जाने के बजाए गर्भ ग्रह के सामने ही प्रतीकात्मक मूर्ति में पूजा अर्चना की अनुमति दी गई। इस दौरान एक समय पर पांच व्यक्तियों को ही दर्शन करने का अवसर प्रदान किया गया। शहर में वैसे तो बड़ी संख्या में देवी मंदिर है लेकिन शहर के बीचो-बीच स्थित महेश्वरी देवी मंदिर का अपना एक अलग स्थान है।यहां हर साल नवरात्रि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है। आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही दर्शनार्थियों की भारी भीड़ रही, जिन्हें मास्क का इस्तेमाल करने को कहा गया। इसी तरह मंदिर जाने से पहले मुख्य द्वार पर हाथों को सैनिटाइज कराया गया। मंदिर के पुजारी का कहना है कि मंदिर में कोविड गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। इसी तरह शहर के अलीगंज में स्थित काली देवी मंदिर, कटरा में सिंहवाहिनी, मरही माता मंदिर में भी दर्शनार्थियों कोविड नियमों का पालन करने को कहा गया है। बताते चलें कि, कोविड प्रोटोकॉल के तहत हाथों को सिनेटाईज करने, सभी दर्शनार्थियों को मास्क का इस्तेमाल करने और एक समय में पांच व्यक्तियों को मंदिर में प्रवेश करने, सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए चिन्हित गोले बनाने, परिसर के बाहर स्थित दुकानों स्टॉल में सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन कराने, प्रवेश व निकास की अलग-अलग व्यवस्था करने, लाइनों में सभी व्यक्ति एक दूसरे से कम से कम छह फुट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे। मूर्तियों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं दी गई है। मंदिर के अंदर प्रसाद वितरण व जल छिड़काव की अनुमति नहीं दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल