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उत्तर-प्रदेश

पत्नी की अवैध निरूद्धि पर ही पति कर सकता है बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका - उच्च न्यायालय

Raftaar Desk - P2

प्रयागराज, 26 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अहम फैसले में कहा है कि अवैध निरूद्धि की दशा में ही बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका जारी की जा सकती है। यदि कोई अपनी पत्नी को अपने साथ रखने के लिए याचिका दाखिल करता है तो उसे पत्नी की अवैध निरूद्धि साबित करनी होगी। पत्नी की अवैध निरूद्धि साबित किए वगैरह पति की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका ग्राह्य नहीं होगी। न्यायालय में हाजिर याची ने बताया कि वह दूसरे याची यानि अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। अपनी मर्जी से वह रिश्तेदार के साथ बिना किसी दबाव के रह रही है। इस पर कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी और कोर्ट मे हाजिर मंजीता देवी को अपनी इच्छानुसार जाने की छूट दे दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव ने पति की तरफ से दाखिल मंजीता देवी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है कोर्ट ने याची को बुलाने के लिए कोर्ट मे पति द्वारा जमा की गयी राशि पत्नी को देने का आदेश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आरएन