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उत्तर-प्रदेश

एक सैकड़ा नलकूप बंद,सरकारी व्यवस्था को धवस्त करने वाले 12 बीडीओ पर बड़ी कार्यवाही

Raftaar Desk - P2

उन्नाव, 16 फरवरी (हि. स.)। जनपद में सिंचाई व्यवस्थाएं धड़ाम है। 210 राजकीय सिंचाई नलकूप में से एक सैकड़ा नलकूप काम नहीं कर रहे हैं। रवी की फसल के दौरान किसानों को महंगे दामों पर सिंचाई करनी पड़ रही है। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशों के बाद भी खंड विकास अधिकारियों द्वारा नलकूपों के सत्यापन की आख्या महीनों बाद भी नहीं भेजी गई। जिस पर सीडीओ ने 12 खंड विकास अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। जनपद के 16 विकास खंडों में स्थापित 210 राजकीय सिंचाई नलकूप रवी की फसल के दौरान किसानों को दगा दे रहे हैं। लगभग एक सैकड़ा राजकीय सिंचाई नलकूप किन्ही ना किन्ही कारणों से बंद पड़े हुए हैं। 4 दिसंबर को मुख्य विकास अधिकारी ने सभी सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राजकीय नलकूपों की स्थिति के बारे में सत्यापन कराकर रिपोर्ट दें। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी लापरवाह खंड विकास अधिकारियों ने यह रिपोर्ट सीडीओ को नहीं दी। जिस पर सीडीओ ने 12 खंड विकास अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। एक तरफ किसानों की हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार में किसानों को सिंचाई जैसी मूलभूत सुविधाएं भी देने में सरकारी तंत्र विफल साबित हो रहा है। ऐसा नहीं है कि इस मामले की जानकारी जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह तक ना पहुंची हो। सामाजिक कार्यकर्ता एके पाठक ने विगत दिनों एक शिकायती पत्र जल शक्ति मंत्री को भेजा था। लेकिन अभी तक उसकी जांच नहीं हुई। देखना होगा अपने भाषणों के द्वारा कार्यकर्ताओं में उत्साह फैलाने वाले जल शक्ति मंत्री की दमदार कार्य विभागीय कार्य में कब दिखाई पड़ेगी। यह तो समय बताएगा फिलहाल जिले के नलकूप सूखे हैं। और रवी की फसलों के लिए किसान पानी की बूंदों का इंतजार कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अरुण कुमार दीक्षित-hindusthansamachar.in