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उत्तर-प्रदेश

पत्रकारों का उत्पीड़न कत्तई बर्दाश्त नहीं, तय हुई रूपरेखा

Raftaar Desk - P2

वाराणसी, 02 फरवरी (हि.स.)। देश भर में पत्रकारों के साथ हो रही उत्पीड़न की घटनाओं से क्षुब्ध विभिन्न पत्रकार संगठनों की एक बैठक मंगलवार को गोलघर स्थित पराड़कर स्मृति भवन में हुई। बैठक में वक्ताओं ने चौथे खम्भे पर लगातार हो रहे हमले की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि अब पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नही होगा। बैठक में तय हुआ कि पत्रकारों के सभी संगठन एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। इसके लिए एक संयुक्त संघर्ष समिति के गठन का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि पत्रकार उत्पीड़न के खिलाफ जल्द ही एक दिन का उपवास कार्यक्रम रखा जायेगा। जिसमें पूरे दिन उपवास रख कर पत्रकार अपने साथियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए भी संघर्ष तेज किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि आज पत्रकारों पर चौतरफा हमला हो रहा है। एक तरफ उन्हें समाचार संकलन से रोका जाता है । तो दूसरी तरफ उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। देशभर में पत्रकारों के खिलाफ हो रही दमनात्मक कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। वक्ताओं ने इस बात पर भी चिंता जताई कि सच को उजागर करने पर जिस तरह से पत्रकारों पर झूठे मुकदमे लादे जा रहे हैं। उससे अब पत्रकारिता गम्भीर संकट के दौर में पहुंच चुकी है। बैठक में वक्ताओं ने एक जुट होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष राजनाथ तिवारी व संचालन महामंत्री मनोज श्रीवास्तव ने की। बैठक में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप कुमार, सुभाषचन्द्र सिंह, डा. अत्रि भारद्वाज, उपजा के विनोद बागी, अरविन्द सिंह, भारतेन्दु तिवारी, जियालाल, जयनारायण मिश्र, एके लारी आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर-hindusthansamachar.in