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उत्तर-प्रदेश

जल संरक्षण के सन्दर्भ में भारत सरकार की योजनाएं प्रशंसनीय - डॉ. एसडी शर्मा

Raftaar Desk - P2

सुलतानपुर, 09 मार्च (हि.स.)। जल संरक्षण के सन्दर्भ में भारत सरकार की योजनाएं प्रशंसनीय हैं। वहीं, रहीमदास द्वारा रचित "रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती - मानस चून।" को चरितार्थ करने वाली हैं। यह बातें मंगलवार को केएनआईपी एसएस के कृषि संकाय में 'सिंचाई की विधियां, उनके महत्व व सिंचाई से संबन्धित सरकारी योजनाएं' विषयक शैक्षणिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि केएन जीआई के महानिदेशक डॉ एसडी शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कृषकों को ड्रिप सिंचाई यंत्रों के अनुमानित लागत का लघु एवं सीमांत कृषकों को 75 प्रतिशत अनुदान एवं बड़े कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम रकबा 5 हेक्टेयर) दिया जाता है। कुसुम योजना के तहत 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप लगाने का लक्ष्य कृषि स्नातक तृतीय वर्ष की कौशिकी पाण्डेय ने बताया कि कुसुम योजना के तहत सरकार की तरफ से किसानों को नि:शुल्क सोलर पैनल प्रदान किया जाता है। सोलर पैनल से किसान बत्ती जालने के साथ बिजली का उत्पादन करेंगे और उस बिजली से सिंचाई का पानी निकालने वाले पंप को चलाएंगे। केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि कुसुम योजना के तहत साल 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने में सफलता प्राप्त हो जाए। स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा कु श्रद्धा ने लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट्स के बारे में बताते हुए कहा कि तेलंगाना सरकार सर्कार की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई प्रोजेक्ट दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी-स्टेज लिफ्ट सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना के तहत गोदावरी नदी का पानी समुद्रतल से 100 मीटर लिफ्ट कर मेडिगड्डा बांध तक पहुंचाया जाएगा। यहां से पानी को 6 स्टेज तक लिफ्ट किया जाएगा और कोंडापोचम्मा सागर पहुंचाया जाएगा, जिसकी ऊंचाई 618 मीटर है। इससे करीब 45 लाख एकड़ जमीन पर दो फसलों के लिए सिंचाई की व्यवस्था मिलेगी। इसके अलावा इस योजना से महत्वकांक्षी मिशन भागीरथ पेयजल आपूर्ति परियोजना के तहत 40 टीएमसी पानी मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार/दयाशंकर