गलवान घाटी: चीनी सैनिकों को भागने पर मजबूर किया 'रायबरेली का लाल'
गलवान घाटी: चीनी सैनिकों को भागने पर मजबूर किया 'रायबरेली का लाल' 
उत्तर-प्रदेश

गलवान घाटी: चीनी सैनिकों को भागने पर मजबूर किया 'रायबरेली का लाल'

Raftaar Desk - P2

रायबरेली: गलवान घाटी में घायल जवान को देखने के लिए लोगों की उमड़ रही भीड़ प्रधानमंत्री मोदी के दौरे ने भरा जज़्बा, उनके एक-एक शब्द प्रेरित करने वाला रजनीश पाण्डेय रायबरेली, 20 जुलाई(हि.स.)। गलवान घाटी में अपनी वीरता और पराक्रम का लोहा मनवाने वालों में रायबरेली का भी एक वीर जवान था। रायबरेली के इस लाल ने न केवल चीनी सैनिकों को धूल चटाई बल्कि बुरी तरह से घायल होने के बावजूद अपने जज़्बे को कम नहीं होने दिया। अब यह जवान स्वस्थ होकर अपने घर आया है तो लोगों के मिलने जुलने वालों की होड़ मची है। हालांकि सेना के निर्देशों के तहत जवान न तो किसी से ज्यादा मिल रहा है और न ही बातचीत कर रहा है। सरेनी के पूरे ओरी निवासी धुंन्नर प्रसाद का बेटा धीरेंद्र यादव ने अपने बहादुरी से रायबरेली का नाम रोशन कर दिया है। जिले के इस वीर जवान ने बुधवार को हिन्दुस्थान समाचार से कुछ बातें साझा की... चीनी सैनिकों को भागने पर मजबूर किया वीर जवान धीरेन्द्र यादव ने बताया कि 2016 में सेना के 16 बिहार रेजिमेंट में भर्ती हुए। चीनी सैनिकों के साथ मई महीने में हुई हल्की झड़प के दौरान मेरी तैनाती गलवान घाटी में हुई थी। उन्होंने बताया कि कैसे सब साथियों के साथ मिलकर चीनी सैनिकों को खदेड़ा गया था। जून में उनकी टुकड़ी को गलवान घाटी से नीचे की ओर रवाना किया गया। धीरेंद्र यादव के अनुसार गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों के बाद उन्हें बार्डर पर भेज दिया गया। अचानक एक आदेश के तहत उनकी टुकड़ी जब आगे बढ़ी तो चीनी सैनिकों के साथ झड़प हो गई। जिसका मुकाबला बड़ी बहादुरी से उन लोगों ने किया। जिसके बाद उन्हें वापस जाना पड़ा। हालांकि झड़प में 20 जवान शहीद हुए और कई घायल भी हो गए। इनमें धीरेंद्र भी थे। उनके हाथ और पैर में गंभीर चोट लगी थी। लेह के अस्पताल में 26 दिनों तक उनका इलाज चला और स्वस्थ होकर वह अपने घर लौटे। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे ने भरा जज़्बा, उनके एक-एक शब्द प्रेरित करने वाला धीरेंद्र यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री के लेह और लद्दाख दौरे ने उनके जोश को दुगुना कर दिया। धीरेंद्र के अनुसार लेह अस्पताल में घायल जवानों से मिलना और उनका संबोधन उन्हें आज भी रोमांचित कर रहा है। उनके एक एक शब्द प्रेरित करने वाले हैं। अस्पताल में प्रधानमंत्री के दौरे के बाद सभी घायलों के बीच कई दिनों तक उनके संबोधन की ही चर्चा होती रही। धीरेंद्र यादव के अनुसार यह उनके लिए अविस्मरणीय है कि देश के प्रधानमंत्री उनकी हौसला अफजाई करने उनके बीच आया। इससे जवानों के हौसले में और इजाफ़ा हुआ। उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं औऱ सेना मुस्तैद है किसी भी आक्रमणकारी को मुहंतोड़ जबाब दिया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश/राजेश-hindusthansamachar.in