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उत्तर-प्रदेश

क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा प्राप्त कर करोड़ों की ठगी करने वाले सरगना समेत चार गिरफ्तार

Raftaar Desk - P2

लखनऊ, 27 जनवरी (हि.स.)। नोएडा एसटीएफ की टीम ने बुधवार को ऐसे गिरोह के सरगना समेत चार सदस्यों को दबोचा है। जो फर्जी कंपनी बनाकर विभिन्न बैकों के क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा प्राप्त कर करोड़ों की ठगी करते थे। अभियुक्तों के पास से 06.59 लाख रुपये कैश और छह हजार क्रेडिट कार्ड धारकों के डेटा बरामद हुए हैं। नोएडा एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश को अन्य राज्यों में गिरोह द्वारा विभिन्न बैंकों के फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा प्राप्त कर धोखाधड़ी करके धन अर्जित करने वाले गिरोह के सम्बन्ध जानकारी मिल रही थी। इसके बाद एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक ने मामले को संज्ञान में लेकर टीम को नोएडा की टीम को जांच के लिए लगाया। जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि इस गिरोह का सरगना सौरभ भारद्वाज अपने फरीदाबाद स्थित मकान पर अपने साथियों के साथ पैसे के बटवारे एवं बैक के डेटा के लिए एकत्र है। इसके बाद आगरा पुलिस के साथ फरीदाबाद के सूर्यनगर कॉलोनी में छापेमारी की। यहां से गैंग का सरगना सौरभ उसके साथी आस मोहम्मद, नई दिल्ली निसी लखन गुप्ता उर्फ गोलू और शिवम गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किये गये अभियुक्त आस मोहम्मद उर्फ आशु ने बताया कि वह वर्ष 2012 से 2014 तक सैलून का काम किया। उसके बाद ओखला दिल्ली के एक कॉल सेन्टर में काम करने लगा, जहां पर सौरभ भारद्वाज एवं मोनिका भारद्वाज भी काम करते थे। काम करने वाले लड़के अजीत पाल से सौरभ भारद्वाज व उसने (आस मोहम्मद उर्फ आशु) विभिन्न बैकों के क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा लेकर फर्जी कॉल करके पैसा निकालने का काम सीखा। इसके बाद वर्ष 2017 में सौरभ भारद्वाज व उसने अपना अलग काम करना शुरू कर दिया और इन लोगों ने ई-कॉमर्स की फर्जी कंपनी बनायी गयी। जिसका प्रोपराइटर सौरभ भारद्वाज था तथा उसमें वह पार्टनर था। सौरभ भारद्वाज का मुख्य काम वेबसाईट बनाना और विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा एकत्र करना था, सौरभ भारद्वाज यह डेटा मोनिका भारद्वाज से लेता था और इसके बदले मोनिका भारद्वाज को 35 रुपये प्रत्येक डेटा के हिसाब से देता था, इस बैकिंग डेटा का प्रयोग यह लोग विभिन्न बैकों के क्रेडिट कार्ड धारकों को कॉल करके उनको विश्वास में लेकर उनसे ओटीपी नम्बर एवं गुप्त पिन कोड प्राप्त करके ग्राहकों के खाते से पैसा निकाल लेते थे। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक-hindusthansamachar.in