Former Nagar Panchayat president of Renukoot dismissed petition against Rasuka Nirudhi
Former Nagar Panchayat president of Renukoot dismissed petition against Rasuka Nirudhi 
उत्तर-प्रदेश

रेनूकूट के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष की रासुका निरूद्धि के खिलाफ याचिका खारिज

Raftaar Desk - P2

प्रयागराज, 14 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर पंचायत रेणुकूट के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह की रासुका निरूद्धि को सही करार दिया है और कहा है कि चयनित नगर पंचायत अध्यक्ष की कार्यालय में घुसकर की गयी हत्या से न केवल कानून व्यववस्था अपितु लोक शांति भंग हुई है। हत्या के बाद बाजार बंद हो गये थे। चारों तरफ अफरा तफरी फैली रही, हफ्तों तक बच्चे स्कूल नहीं गये और शहरी जीवन पंगु हो गया था। सही मायने में लोक व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गयी थी। याची पर अध्यक्ष की हत्या के षडयंत्र का आरोप है। 3 अक्टूबर 19 से जेल मे बंद है, जहां जिलाधिकारी सोनभद्र ने रासुका तामील की। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने अनिल सिंह की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करते हुए दिया है। मालूम हो कि नगर पंचायत अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह अपने कार्यालय में जन शिकायतें सुन रहे थे। तभी दो मोटर साईकिल सवार आये, नमस्ते किया और ताबड़तोड़ फायर कर भाग गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया किन्तु बच न सके मौत हो गयी। घटना की एफआईआर पिपरी थाने मे हत्या व षडयंत्र के आरोप में दर्ज करायी गयी। विवेचना के दौरान यह साक्ष्य आया कि जमुना सिंह ने शूटरों को बुलाया था। 7 सितम्बर से 9 सितम्बर 19 तक वे होटल मे ठहरे थे। फिर 29 सितम्बर को दुबारा आये। एक गेस्ट हाउस में ठहरे। इस दौरान याची के भाई ब्रजेश सिंह, जमुना सिंह के लगातार संपर्क में थे। सीसीटीवी फुटेज में ब्रजेश व उनके ड्राइवर को देखा गया। याची का आपराधिक इतिहास है। कहा गया कि इस घटना से चुने हुए अध्यक्ष की कार्यालय में हत्या से राज्य व्यवस्था को चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने इस घटना को कानून व्यवस्था का मामला मानते हुए कहा कि यह लोक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने वाली घटना है और हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in