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उत्तर-प्रदेश

असम विधानसभा चुनाव में कानपुर की व्हील चेयर से मतदान करेंगे दिव्यांग मतदाता

Raftaar Desk - P2

— आठ हजार व्हील चेयर तैयार करेगा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम कानपुर, 12 मार्च (हि.स.)। प्राकृतिक पार्कों और जलाशयों के साथ चाय के बागानों की खूबसूरती लिए मशहूर असम प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहा है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा से लेकर विपक्ष पूर्वोत्तर की इस खूबसूरत धरा पर शासन करने के लिए जनता को अपने पक्ष में करने में जुटा है। वहीं चुनाव आयोग भी वहां के मतदाताओं को सभी सुविधाएं दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसी क्रम में चुनाव आयोग दिव्यांग मतदाताओं को मतदान करने के लिए मतदान स्थल में व्हील चेयर मुहैया कराने का फैसला लिया। इसके तहत कानपुर के भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) को आठ हजार व्हील चेयर बनाने का प्रस्ताव कर दिया है। देश के पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और तारीखों के एलान के बाद स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय पार्टियां सत्ता पाने के लिए जनता के दरबार में पहुंच रही हैं। चुनाव कराने की जिम्मेदारी भारतीय निर्वाचन आयोग की है और निर्वाचन आयोग मतदान के दौरान मतदाताओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए तैयारी कर रहा है। खासकर दिव्यांग मतदाताओं की परेशानियों का ख्याल रखा जा रहा है। इसी के तहत चुनाव आयोग ऐसे मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर शत प्रतिशत व्हील चेयर उपलब्ध कराने का सुनिश्चित किया है। आयोग ने भारत सरकार के कानपुर स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) को आठ हजार व्हील चेयर तैयार करने का प्रस्ताव दिया है। एल्मिको दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग एवं अन्य उपकरणों का निर्माण करता है और देश में इसके कई केन्द्र भी हैं। सीएमडी डीआर सरीन ने बताया कि चुनाव आयोग ने आठ हजार व्हील चेयर बनाने का प्रस्ताव दिया है और इसके निर्माण में करीब छह करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसको चुनाव आयोग ने भेज दिया है। सभी व्हील चेयरों को 27 मार्च से पहले तैयार करके भेजना है। समय से आर्डर भेजा जा सके इसके लिए अपने मोहाली, बेंगलुरु, गुरुग्राम सहित नौ सब सेंटरों को ऑर्डर तैयार करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। बताया कि अलग-अलग सब सेंटरों से व्हील चेयर बनने से किसी भी सेंटर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। व्हील चेयर को मानकों पर जांचने के बाद ही भेजा जा रहा है। उनकी असेंबलिंग और पुर्जों को जोडने का काम अत्याधुनिक मशीनों से किया जा रहा है। बताते चलें कि 1972 में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) में दिव्यांग लोगों के लिए कृत्रिम अंग एवं अन्य सहायक उपकरणों का निर्माण किया जाता है। यह देश का पहला ऐसा संस्थान है जहां से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सस्ती कीमत पर अत्याधुनिक सहायक उपकरणों को तैयार किया जाता है। इसके साथ ही इसको सबसे बड़े निर्माता और आपूर्तिकर्ता होने का दर्जा हासिल है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित