CJM investigating police harassment of Eta's lawyer family and summoned the report
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उत्तर-प्रदेश

एटा के वकील परिवार पर पुलिसिया उत्पीड़न की सीजेएम से जांच कर रिपोर्ट तलब

Raftaar Desk - P2

डीएम, एसपी को जांच में सहयोग करने का निर्देश प्रयागराज, 29 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 दिसम्बर को एटा पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता राजेन्द्र शर्मा व उसके परिवार के साथ दुर्व्यवहार करने की घटना की सीजेएम से जांच रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने जिलाधिकारी व एसपी एटा को सीजेएम को जांच मे पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सीजेएम को उनके द्वारा मांगी गयी जानकारी व दस्तावेज दिये जाय। कोर्ट ने जांच में ऑडियो-वीडियो विजुअल के आधार पर घटना की पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने बार काउन्सिल व बार एसोसिएशन के पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कायम जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि 21 दिसम्बर को पुलिस की भारी भीड़ ने अधिवक्ता के आवास का दरवाजा तोड़कर उन्हें घसीटा और पैरों की ठोकरें मारी। पूरे परिवार को घसीटते हुए थाने के कैदखाने में डाल दिया। पुलिस की बर्बर कार्रवाई की विजुअल सोशल मीडिया में आने के बाद वकीलों ने पुलिस रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उप्र बार काउन्सिल के आह्वान पर प्रदेश व्यापी विरोध के तहत वकीलों ने हडताल की। बार काउन्सिल आफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्र ने भी कड़ा विरोध किया। उप्र बार काउन्सिल अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की मांग की। जिस पर मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने जनहित याचिका कायम कर खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हेतु पेश करने का आदेश दिया। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीजेएम को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आरएन-hindusthansamachar.in