— 150 में सिर्फ 93 सीसीटीवी कैमरे कर रहे काम, बाकी को जल्द किया जाए ठीक कानपुर, 17 मार्च (हि.स.)। एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली (आईटीएमएस) इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन देखा जा रहा है कि सभी सीसीटीवी कैमरे काम नहीं रहे हैं और इससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही यातायात उल्लंघनकर्ता को हर हाल में 24 से 48 घंटे के भीतर चालान भेजा जाये। यह बातें बुधवार को मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने कही। मंडलायुक्त डा. राजशेखर बुधवार को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आईसीसीसी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। आईसीसीसी में कुल आठ उप घटक हैं जो कानपुर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित और निगरानी की जा रही है। स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा आईसीसीसी के धीमी गति और विलंबित कार्यों पर मंडलायुक्त खफा हुए। मंडलायुक्त ने एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली में पिछले तीन महीनों में इसमें अपेक्षाकृत प्रगति नहीं हुई। मंडलायुक्त ने आठ नोड्स को क्रियाशील करने के लिए तीन महीने का अल्टीमेटम दिया जो अब तक गैर-कार्यात्मक है। मंडलायुक्त ने बताया कि अब आईटीएमस प्रोजेक्ट परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल से जुड़ा हुआ है। कैमरा नंबर प्लेटों को पढ़ेगा और वाहन को सीधे मालिक के विवरण से जोड़ सकता है। इस प्रणाली के साथ यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए दर्ज किए गए कुल मामले प्रति दिन लगभग 20 हजार हैं। लेकिन इसमें से ट्रैफिक पुलिस केवल 250 से 300 तक ही चालान कर पा रही है, जो दर्ज किए गए कुल उल्लंघनों का केवल दो फीसद है। मंडलायुक्त ने एसपी ट्रैफिक को अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकताओं का विश्लेषण करने और उन्हें आईसीसीसी में तैनात करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि हर सिद्ध उल्लंघनकर्ता को 24 से 48 घंटों के भीतर चालान नोटिस निर्गत की जा सके। बताया कि सिटी सर्विलांस स्कीम के तहत, हमारे पास विभिन्न स्थानों पर 150 सीसीटीवी स्थापित हैं। लेकिन वर्तमान में केवल 93 सीसीटीवी पूरी तरह कार्यात्मक पाया गया। उन्होंने सीईओ, एसपी ट्रैफिक और टेक महिंद्रा टीम को निर्देश दिया कि वे सभी सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत करवाएं और उन्हें 31 मार्च तक पूरी तरह से कार्यशील बनाकर वापस रिपोर्ट करें। यह प्रणाली पहली बार आईसीसीसी में नई पहल के रूप में कार्यान्वित की जा रही है। यह ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन को दुर्घटनाओं से तुरंत प्रतिक्रिया देने और बहुमूल्य जीवन को बचाने में मदद करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित