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उत्तर-प्रदेश

बजट 2021-22 : औद्योगिक नगरी के व्यापारियों में कहीं खुशी दिखी तो कहीं निराश

Raftaar Desk - P2

कानपुर, 01 फरवरी (हि.स.)। देेश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 2021-22 का आम बजट पेश किया। संसद में पेश बजट से उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी के व्यापारियों को कोरोना के बाद एक नई दिशा और संजीवनी मिलने की आस थी। इस उम्मीद को लेकर कहीं व्यापारी चिंतित थे तो कहीं आत्मविश्वास से भरे हुए थे। बजट के बाद व्यापारियों में कहीं निराशा दिखी तो कहीं इसकी सराहना की गई। औद्योगिक नगरी के व्यापारियों ने अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया 'हिन्दुस्थान समाचार' के साथ साझा की। सोना चांदी व्यापार से जुड़े द्वारिका अग्रवाल ने बताया कि बजट 2021-22 का स्वागत करते हैं। क्योंकि पहले 12.5 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगती थी, जिसको अब 10 फीसदी कर दिया गया है। यह बड़ी राहत देने वाला है। हालांकि उन्होंने कोरोना महामारी के दौर से गुजरते हुए वर्तमान में व्यापारी वर्ग को और अधिक राहत देकर आगे बढ़ाने की उम्मीद की बात कही। कपड़ा कमेटी अध्यक्ष चरणजीत सिंह सादरी का कहना है कि आम बजट का हम स्वागत करते है। लेकिन इस बजट से जो आश थी वो पूरी न हो सकी। उन्होंने बताया कि पहले सिल्क में एक्ससाइज ड्यूटी कम थी। अब इसको 15 फीसदी कर दिया गया है, जो कपड़ा व्यापारियों में निराशा लेकर आई है। इस बजट से हम देशवासियों को बड़ी उम्मीद थी वहीं यार्न कपड़ा की पोलिंग रिलायंस के द्वारा होती है। जो स्वयं ही 100 रुपये से सीधे 150 रुपये में कर चुका है। इस साल का बजट हम कपड़ा उद्योग के लिए खरा साबित नहीं हो सका है। तिरुपति ह्युंडई के जीएम शैलेन्द्र तिवारी ने बताया कि ने संसद में बजट अपने भाषण में पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी का ऐलान किया है। मोदी सरकार के इस फैसले से प्रदूषण पर लगाम लगेगी। इसके अलावा तेल आयात बिल में भी कमी आएगी। स्क्रैप पॉलिसी के तहत सरकार प्रदूषण पर लगाम लगाएगी। इस फैसले को वायु प्रदूषण के खिलाफ सबसे बड़ी जंग के तौर पर भी देखा जा रहा है। स्क्रैप पॉलिसी के तहत सरकार वायु प्रदूषण पर तो रोक लगाएगी, साथ ही साथ इस फैसले से देशभर में आटो सेक्टर में भी रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिलेगा। जिसका हम सब खुशी के साथ स्वागत करते है। गणपति मोबाइल शॉप के मालिक शोभित रस्तोगी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के आम बजट में मोबाइल उपभोक्ताओं को करारा झटका लगा है। आयात शुल्क की दर बढ़ने से विदेशी मोबाइल के दामों में वृद्धि होगी। मोबाइल पार्टस तथा चार्जर आदि पर आयात शुल्क बढ़ने से इसका सीधा असर मध्यम श्रेणी के लोगों की जेब पर पडे़गा। घरेलू मूल्यवर्धन बढ़ाने के लिए हम मोबाइल के चार्जर और कुछ पुर्जों पर छूट को वापस ले रहे हैं। जबकि मोबाइल के कुछ पुर्जों पर आयात शुल्क शून्य से 2.5 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि वित मंत्री ने देश को आश्वस्त किया कि भारत में अभी तक मोबाइल पार्ट्स का प्रोडक्शन नहीं होता था, लेकिन अब भारत मोबाइल के साथ-साथ मोबाइल पार्ट्स को भी अन्य देशों में निर्यात करने वाला बनेगा। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/मोहित-hindusthansamachar.in