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उत्तर-प्रदेश

कानपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए ’किंगमेकर’ बनी बसपा

Raftaar Desk - P2

निर्दलीयों पर सत्ता और विपक्ष डालने लगा डोरा कानपुर, 04 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का सेमीफाइनल कहा जाने वाला जिला पंचायत सदस्य का परिणाम आ गया है। लेकिन कानपुर नगर में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की स्थिति में न तो सत्ता पक्ष है और न ही विपक्ष। यह अलग बात है कि सबसे अधिक सीटें प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के पास हैं, पर अध्यक्ष बनाने के लिए किंगमेकर बनी बसपा से किसी न किसी प्रकार का समझौता करना ही पड़ेगा। वहीं सत्ताधारी पार्टी भाजपा की बात की जाये तो दूसरे नंबर पर है और अध्यक्ष बनाने के लिए उसे बसपा के साथ ही निर्दलीयों का भी सहारा लेना पड़ेगा। कानपुर नगर की ग्रामीण क्षेत्रों में 32 जिला पंचायत सदस्य की सीटें हैं और लगातार दो बार से यहां की जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा काबिज रही। अबकी बार हुए चुनाव परिणाम आ गये हैं, हालांकि अभी एक सीट पर सपा और भाजपा के उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और परिणाम आना बाकी है। 31 सीटों के आये परिणाम के मुताबिक सपा का एक बार फिर से दबदबा कायम है और 11 सीटों पर जीत के साथ पहले स्थान पर है। वहीं आठ सीटों पर जीत के साथ भाजपा है। एक सीट पर निषाद पार्टी तथा पांच सीटों पर बसपा ने जीत दर्ज की है। वहीं छह सीटें निर्दलीयों के खाते में गई हैं। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए संभवतः सपा और भाजपा ही दावेदारी करेगी और अभी से दोनों पार्टियों ने रणनीति बनाना तेज कर दिया है। पूर्व मंत्री की बेटी ने निवर्तमान अध्यक्ष की सीट पर किया कब्जा जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में घाटमपुर की गिरसी सीट चर्चा का केन्द्र रही, क्योंकि यहां पर भाजपा ने स्वप्निल वरुण को टिकट दिया था। जो पूर्व मंत्री कमलरानी वरुण की बेटी है और अपनी मां के निधन के बाद घाटमपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में दावेदारी भी की थी। इस सीट पर सपा की निवर्तमान अध्यक्ष पुष्पा कटियार का कब्जा था। हालांकि परिसीमन के तहत यह सीट सुरक्षित होने के चलते पुष्पा ने चुनाव नहीं लड़ा था। निवर्तमान अध्यक्ष की सीट पर जीत दर्ज करने के बाद से स्वप्निल वरुण को अध्यक्ष बनाने के लिए कयास तेज हो गये हैं। बताते चलें कि अबकी बार जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला के साथ अनुसूचित जाति के आरक्षित है। परिणाम में कल्याणपुर से नेहा निषाद (भाजपा), सचेंडी-कमला सिंह चौहान (भाजपा), बिनौर-सुनीता यादव (निर्दलीय), मालौ-अश्विनी दीक्षित (भाजपा), पेम-राजू दिवाकर (सपा), चौबेपुर-प्रवीण त्रिपाठी (सपा), मुश्ता-कार्तिकेय शुक्ला (सपा), बिलहन-कृष्ण मुरारी पाल (बसपा), घिमऊ-अवकाश सिंह (निर्दलीय), नानामऊ-योगेंद्र प्रताप सिंह (सपा), बरंडा-महमूद अली (सपा), ककवन-मीना गौतम (सपा), कसिगवां-अदिति राजपूत (भाजपा), चौबेपुर घाटमपुर-सोमवती संखवार (सपा), मकरंदपुर-शिवनाथ निषाद (बसपा), समुही-सोमवती निषाद (निषाद पार्टी), परास-सुमनलता सचान (सपा), पतारी-राज नारायण कुरील (बसपा), कुंदौली-अतर सिंह (सपा), बेहटा बुजुर्ग-प्रीति यादव (निर्दलीय), गिरसी-स्वप्निल वरुण (भाजपा), पतारा-प्रवीण कुमार मिश्रा (बसपा), पडरी लालपुर-बबोल नागर (निर्दलीय), रमईपुर-दिनेश यादव (बसपा), जामू-सोनी पासवान (निर्दलीय), कठारा-रीता सिंह (निर्दलीय), नर्वल-मनोज यादव (सपा), सरसौल-मीना वर्मा (सपा), सिकठिया-कमलेश कुमार निषाद (भाजपा), पाली भोगीपुर-रवि राज वर्मा (भाजपा) निर्वाचित हुए है। बीरनखेड़ा का परिणाम रुका हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/विद्या कान्त