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उत्तर-प्रदेश

रक्तदान से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है : डॉ अजय शर्मा

Raftaar Desk - P2

इटावा, 27 जून (हि.स.)। रक्तदान से शरीर में न तो किसी तरह की कमजोरी आती है न ही शरीर को कोई नुकसान होता है, बल्कि रक्तदान से खुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सामान्यतः एक व्यक्ति 18 वर्ष की उम्र से 60 वर्ष तक हर तीन माह में रक्तदान कर सकता है। जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. अजय शर्मा ने लोगो को रक्तदान के प्रति जागरूक करते हुए बताया कि सामान्यत: स्वस्थय शरीर में लगभग साढे़ 05 लीटर खून होता है। यदि उसमें 300 एमएल दान दिया जाए तो कोई नुकसान नहीं होता क्योंकि सामान्यत: जितना रक्तदान किया जाता है, उससे ज्यादा मात्रा में रक्त शरीर में पहले से ही स्टोर रहता है। साथ ही रक्तदान होते ही रक्तदाता के शरीर की अस्थिमज्जा कोशिकाएं तीव्र गति से सक्रिय हो जाती है और शरीर में खून पहले से और तेजी से बनने लगता है। नई कोशिकाओं वाला यह ताजा खून शरीर को नई ऊर्जा देता है। इससे शरीर में ताजगी महसूस होती है। साथ ही इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अधिक होती है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व ब्लड बैंक के रक्तकोष अधिकारी डॉ. एस.एस. भदौरिया ने बताया ब्लड बैंक इटावा से थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, एड्स पीड़ितों, लावारिस मरीजों, बीपीएल कार्डधारकों, दिव्यांगों जेल कैदी, गर्भवती महिलाएं (जननी सुरक्षा योजना), एमरजेंसी केस के लिए बिना एक्सचेंज रक्त उपलब्ध कराया जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित