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उत्तर-प्रदेश

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ ने खोला मोर्चा, छह चरणों में आंदोलन का ऐलान

Raftaar Desk - P2

निजीकरण तथा सरकारी उपक्रम बेचने से नाराजगी, 15 मार्च से 23 नवंबर तक देशव्यापी आंदोलन वाराणसी, 04 मार्च (हि.स.)। केन्द्र सरकार के निजीकरण और सरकारी उपक्रम बेचने की नीतियों के खिलाफ अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने भी मोर्चा खोल दिया है। बीएमएस ने 15 मार्च से 23 नवंबर तक 6 चरणों में देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। गुरूवार को क्षेत्रीय कार्यालय पर आयोजित बैठक में विभिन्न उद्योगों, रेलवे, जल संस्थान, नगर निगम, इंजीनियरिंग आगनबाड़ी, बैंक, एलआईसी, सिंचाई आदि विभागों के यूनियन से जुड़े नेताओं ने आंदोलन के रूपरेखा पर विमर्श किया। यूनियन के नेताओं ने मोदी सरकार की ओर से सरकारी उपक्रमों के विनिवेश तथा निजीकरण की नीति पर नाराजगी जताई। तय हुआ कि सरकार की इस नीति का विरोध करने के लिए देशभर में छह चरणों में आंदोलन किया जायेगा। यूनियन के राष्ट्रीय मंत्री वी राधाकृष्णन ने कहा कि संगठन मजदूरों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगा। बैठक में इस बात को लेकर गंभीर चिंता जताई गई कि केंद्र सरकार सरकारी उपक्रमों रेल, विद्युत, एलआईसी आदि के निजीकरण पर उतारू है। संगठन के नेताओं ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया निजीकरण और निवेश की नीतियों के विरोध में सड़क पर उतरे। बैठक में नेताओं ने कहा कि 15 मार्च से 14 अप्रैल तक देश के प्रत्येक उद्योगों पर संगोष्ठी, मई में यूनिट स्थानीय वर्कशॉप, 14 जून से 20 जून तक देशव्यापी जनजागरण अभियान, 15 जुलाई को देश के प्रत्येक यूनिट पर प्रदर्शन, 20 सितंबर से 30 सितंबर तक राज्य स्तरीय सम्मेलन, 23 नवंबर को सरकारी उपक्रमों के कारपोरेट कार्यालयों पर प्रदर्शन कर सरकार का ध्यानाकर्षण किया जाएगा। बैठक में यूनियन के नेताओं ने प्रदेश सरकार से श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन कराने की मांग की। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक