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उत्तर-प्रदेश

पीएम स्वनिधि योजना में ऋण देने में बैंक कर रहे आना-कानी

Raftaar Desk - P2

- चयनित होने के बाद बैंकों का काट रहे चक्कर - ईओ और एलडीएम भी बैंकों के आगे विवश - शासन की कड़ाई का भी बेअसर मीरजापुर, 07 अप्रैल (हि.स.)। नगर के सड़क की पटरियों पर सब्जी-फल, सैलून, पान की दुकान आदि को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही पीएम स्वनिधि योजना बैंकों की हिलहवाली से परवान नहीं चढ़ पा रहा है। योजना के अंतर्गत चयनितों को अधिसूचित बैंक की शाखाओं से बैरंग वापस लौटा दिया जा रहा है। स्कीम में 10 हजार रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के देने का शासन ने प्राविधान किया है। जिला मुख्यालय नगर पालिका को अके ले 7046 वेंडर्स को लोन दिलाने का लक्ष्य है। जिसमें 6612 वेंडर सर्वे किए जा चुके हैं। जिले मेंं 4378 ने लोन के लिए वेंडरों ने आवेदन किया है। जिनमें केवल 2939 को ही ऋण वितरित किया गया। शेष चयनित बैंकों का चक्कर काट रहे हैं। नगर पालिका की ओर से सहयोग के लिए लगाए गए कर्मचारी भी बैंक के फरमान और टरकाऊ नीति के आगे नतमस्तक हैं। लीडबैंक मैंनेजर से की जा रही शिकायत भी बेअसर साबित हो रही है। जबकि पिछले दिनों डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में हुई बैठक में बैंकों को प्रधानामंत्री आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि) के अंतर्गत वेंडरों का प्राथमिकता के आधार पर लोन देने की हिदायत दे चुके हैं। बैंक ने कहा डेट खत्म नगर के लोहंदी रोड निवासी पीएम स्वनिधि योजना के चयनित अजय मौर्य की बातों से योजना के क्रियान्वयन का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। अजय ने बताया कि बुधवार को वह नगर कटरा बाजीराव स्थित एक बैंक शाखा में लोन लेने के लिए गया। बैंक के एक अधिकारी ने उसके कागजात देखते ही कहा डेट खत्म हो गया है। ऋण नहीं मिलेगा। अजय अब अपना कागजात लेकर बैंक और नगर पालिका के बीच झूल रहा है। इसकी जानकारी लीडप्रबंधक को भी दे दी गई है। लाभार्थियों को किया जा रहा परेशान नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ओमप्रकाश ने कहा कि पीएम स्वनिधि का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। लिहाजा ऋण बैंक से मिलना चाहिए। इसके लिए बैंक के उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। एक लाभार्थी नहीं कईयों शिकायत लेकर आ रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर