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उत्तर-प्रदेश

अयोध्या : बंगाल हिंसा पर जगद्गुरु परमहंस ने स्वयं की चिता का पूजन किया

Raftaar Desk - P2

अयोध्या, 08 मई (हि.स.)। तपस्वी छावनी के जगतगुरू परमहंस आचार्य ने शनिवार को चिता पूजन किया। चिता पूजन कर पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के विरोध में चेतावनी दी। उन्होंने कहा 24 मई तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाही का इंतजार करेंगे। अगर दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई तो 25 मई को आत्मदाह करेंगे। परमहंस ने राष्ट्रपति से मांग की कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवार्र हो। हिंसा करने वालों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाए। पीड़ितों की मदद हो। दरअसल, हमेशा की तरह सुर्खियों में छाए रहने वाले तपस्वी जी की छावनी महंत परमहंस दास ने आज खुद की चिता का पूजन किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के विरोध में पीड़ितों को न्याय दिलाने तक संघर्ष चलता रहेगा। कहा यदि 24 मई तक पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया तो 25 मई को दिन में 12 बजे खुद की चिता में बैठकर दुनिया को अलविदा कह दूंगा। पश्चिम बंगाल के हालात पर कहाकि जिस तरह से मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त 1946 को फरमान जारी किया था 'डायरेक्ट एक्शन डे' का जिसमें कोलकाता में हिंदू और सिखों की लाखों की संख्या में हत्या की गई, जिसे कोलकाता किलिंग के नाम से जाना जाता है। ममता बनर्जी ने उसी को फिर रिपीट किया है। कहाकि पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों व रोहिंग्या मुसलमानों को खुली छूट मिल गई है बहन बेटियों के साथ बलात्कार करने और निर्दोष जनता का खून बहाने का। जब पुलिस की मौजूदगी में मंत्रियों के काफिले पर हमले हो रहे हैं तो आम जनता की स्थिति कितनी भयावह होगी। जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए संविधान की रक्षा के लिए आवश्यक है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/पवन