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उत्तर-प्रदेश

औरैया : पंचनद में नदियां हुईं जहरीलीं, बेमौत मरे लाखों जलचर प्राणी और मछली

Raftaar Desk - P2

औरैया, 18 मई (हि.स.)। कोरोना कहर का असर जिस प्रकार से मनुष्य जीवन तथा अन्य प्राणी जातियों पर पड़ा है उसका असर कहीं ना कहीं नदियों पर भी देखा जा रहा है। 'हिन्दुस्थान समाचार' ने जब पांच नदियों के संगम पंचनद धाम का दौरा किया तो देखा कि यहां यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी नदियां जो यमुना में आकर मिलतीं हैं वह पानी भी जहरीला हो गया है और बहुत ही बदबूदार गंदा है। अब नदियों में जाने से लोग कतरा रहे हैं, क्योंकि नदी में जले, अधजले शवों के अवशेषों को फेंका जाना तथा चिताओं की राख पानी में प्रवाह करने से नदियां दूषित और जहरीलीं हो गईं हैं। बताते चलें कि, कोरोना का वायरस पानी में रहकर भी खत्म नहीं होता है। यह वायरस इतना प्रभावी है कि अब नदियों में प्रवाह व अधजलें अवशेषों के प्रवाहित करने से नदियों का जल जहरीला हो गया है। इसका उदाहरण मंगलवार को औरैया जनपद के पांच नदियोंं के संगम पंचनद में देखने को मिला। यहां पर नदी में लाखों जल जीव, मछलियां बेमौत मर रहे हैं और इन मछलियों को ठेकेदारों द्वारा बाजारों में लेकर बेचने से और उन्हें खाने से जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। कुछ दिन पूर्व हिन्दुस्थान समाचार ने इस विषय को लेकर चेताते हुए खबर भी प्रकाशित की थी कि नदियों में बेतरतीब ढंग से जले, अधजले शवों और जली हुई चिताओं की राख को प्रवाहित करने से एक बड़ा खतरा सामने आ सकता है। खबर को ध्यान में रखते हुए नदियों पर प्रशासन को निगरानी रखने के लिए बोला गया था। लेकिन अब जब देखा जा रहा तो पाया कि नदियों का पानी इतना जहरीला हो गया है कि जलचर व मछलियां सभी बेमौत मर रहे हैं। आने वाले दिनों में इसका नदी के तटों पर बसे गांवों में भी कहीं कुप्रभाव पड़ने का अंदेशा मंडराने लगा है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को जल्द पंचनद के आसपास पर युद्ध स्तर पर नदियों की सफाई व दूषित जल प्रवाह को दुरुस्त कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील