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उत्तर-प्रदेश

आईआईटी में पढ़ने वाले ओंकारेश्वर के पूर्व छात्र संस्कृति से हैं भरपूर : प्रो. अभय करंदीकर

Raftaar Desk - P2

— मेधा के साथ संस्कृति के मिलन से मिलती है सफलता, व्यक्तित्व में आता है निखार कानपुर, 26 मार्च (हि.स.)। शोध और तकनीकों की खोज से वैश्विक पटल पर भारत की स्थिति बराबर मजबूत हो रही है। यहां के मेधावी छात्रों को विश्व के किसी भी कोने में रोजगार के लिए चिंतित नहीं होना पड़ता है। अगर कानपुर आईआईटी की बात की जाए तो हर वर्ष यहां के छात्र कुछ नया करना चाहते हैं। इनमें कई ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कालेज से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र भी हैं। इन छात्रों में देखता हूं कि मेधा के साथ इनमें संस्कृति बेजोड़ है। यह बातें शुक्रवार को लाजपत भवन में आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कही। जवाहर नगर स्थित ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कालेज समूह का शुक्रवार को वार्षिक उत्सव आज लाजपत भवन में सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के निदेशक डा. अभय करंदीकर ने कहा कि हमारा देश वैश्विक शक्ति के रुप में उभर रहा है। हम अपने जीवन मूल्यों के साथ विश्व में पहचान बनाते हुए निरंतर प्रगति कर रहे हैं। आपके विद्यालय के अनेक छात्र मेरे संस्थान में पढ़ रहे हैं, मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि वे सब मेरे आदर्श छात्र हैं। इसलिए ओंकारेश्वर सरस्वती विद्यालय भी एक आदर्श संस्था है। समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी उद्योगपति ध्रुव रुइया ने की। डा. अंगद सिंह ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र भेंट किये। मुख्य अतिथि ने मेधावी विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र, प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कर्नल एस एन पांडेय, प्रतिमा दुबे, डा. नीरजा अग्निहोत्री, कुमकुम पांडेय, राजेन्द्र सक्सेना, डा. अवध दुबे, डा. वी पी राय, फड़ीन्द्र दत्त त्रिपाठी, डा. प्रेम कुमारी मिश्र, पूजा अवस्थी आदि मौजूद रहें। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित