नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। उत्तार प्रदेश में पेपर लीक की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। आभी हाल में प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का विवाद सामने आया था। जिसको लेकर अभ्यर्थियों ने यूपी में कई जगहों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सरकार को इस परीक्षा को रद्द कर आरोपियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की बात कहीं थी। जिके बाद पेपर लीक का विवाद थोड़ा कम होता नजार आ रहा था। लेकिन तभी अब यूपी बोर्ड की 12वीं के पेपर लीक का मामला सामने आ गया है। यह उत्तार प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुआ जीव विज्ञान और गणित का पेपर
दरअसल, 12वीं के जीव विज्ञान और गणित का पेपर गुरुवार को परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद आगरा में व्हाट्सएप के दो ग्रुप पर वायरल होने लगा। जब मामला प्रशासन के संज्ञान में आया तो इसे लेकर आगरा में जांच शुरू हो गई। जिसके बाद पता चला कि यह पेपर विनय चौधरी नाम के शख्स द्वारा परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद ही ऑल प्रिंसिपल व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला गया था। जैसे ही ग्रुप पर कमेंट किए गए तो तत्काल ये पेपर डिलीट कर दिया गया। बता दें कि जीव विज्ञान के पेपर लीक होने का मामला दोपहर 3.13 मिनट सामने आया था।
इससे पहले हुआ था यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक
गौरतलब है कि हाल ही में यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक को लेकर प्रदेश में हड़कंप मचा था। इस आक्रोश को देखते हुए सरकार ने परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया था। परीक्ष रद्द करने का आदेश देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का आश्वासन दिया था। सीएम योगी ने पेपर लीक के घटना को राष्ट्रीय पाप कहते हुए जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाकर उन तत्वों से सख्ती और कठोरतम तरीके से निपटने की बात कही थी।
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