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उत्तर-प्रदेश

अपने परिश्रम से डिजिटल ग्राम बनाकर दिलाई अलग पहचान

Raftaar Desk - P2

सिद्धार्थनगर, 23 फरवरी (हि.स)। जिले के भनवापुर विकास खंड के डिजिटल ग्राम पंचायत हसुडी औसानपुर के युवा निवर्तमान प्रधान ने अपने गांव एवं विद्द्यालय को गोद लेकर आधुनिक सुविधाओं से लैस करके समाज के अन्य लोगों को आइना दिखाने का कार्य किया है। डेढ़ हजार आबादी वाले इस गांव में बिजली के खंभों पर 23 सीसीटीवी कैमरे एवं 23 साउंड तथा 45 सोलर लाइट के अलावा वाईफाई भी लगवाया गया है। गांव के अंदर मुख्य मार्ग के दोनों तरफ की गई सुंदर चित्रकारी एवं विद्द्यालय की दीवारों पर रेल जंक्शन सहित महापुरुषों आदि का चित्र लोगों को बहुत आकर्षित करता है। यहां का विद्द्यालय शहरों के आधुनिक प्राइवेट विद्यालयों की तरह वातानुकूलित तथा कम्प्यूटर लैब सहित चमचमाती टाईल्स से बनाई गई हैं। बच्चों को भी शास्त्रीय संगीत सहित अन्य शिक्षा दी जा रही है। गांव के लोगों की सुविधा के लिए प्रधान ने अपने पैसे से अस्पताल भी बनाया है। आधुनिक पंचायत भवन, ओपन जिम व चिल्ड्रन पार्क भी यहां है। यह प्रदेश का पहला जीआईएस डिजिटल गांव है। यह गांव अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए आईना है। गांव के लोग इन सभी विकास कार्यों से काफी खुश हैं। इसके बारे में ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि गांव के बच्चों को कान्वेंट स्कूल जैसी आधुनिक सुविधा दिलाने तथा इस गांव को डिजिटल गांव के रूप में देश में पहचान दिलाने के लिए प्रयास किया गया है। जिससे अन्य लोग भी इससे प्रेरणा ले सकें। हमें तीन बार दीनदयाल सशक्तिकरण व दो बार नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम का पुरस्कार भी सरकार से मिल चुका है। वह गांव के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक पोखरे पर मत्स्य व मुर्गा पालन की भी व्यवस्था शीघ्र करने जा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/बलराम/दीपक