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उत्तर-प्रदेश

जिले में पहुंची ज्ञान-विज्ञान की 5.72 लाख पुस्तकें

Raftaar Desk - P2

मीरजापुर, 23 जून (हि.स.)। परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत पढ़ाकू बच्चों को कविता, कहानी, गणित और विज्ञान की किताबें पढ़ने का शौक पूरा हो सकेगा। सभी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की पुस्तकालय में ये सभी किताबें उपलब्ध होंगी। बच्चे अपने क्लास टीचर से मिलकर किताबें पढ़ने के लिए निःशुल्क ले सकते हैं। सभी पुस्तकें नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की ओर से रचित हैं। शासन की व्यवस्था के अनुसार प्राथमिक स्तर पर पुस्तकालय की पुस्तक क्रय करने प्रति विद्यालय पांच हजार रुपये, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए प्रति विद्यालय 10 हजार रुपये सीधे विद्यालयों को दिए जाते थे। पैसा मिलने के बाद भी कई प्रधानाध्यापक ऐसे भी थे जो पुस्तकें क्रय करने में आनाकानी करते थे। निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी सामने आने पर शासन ने पुस्तक क्रय करने की व्यवस्था ही बदल दी। अब पैसा देने की बजाय एनसीईआरटी की पुस्तकें केंद्रीय स्तर पर क्रय कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी जाती हैं। इसी क्रम में जिले के हिस्से एनसीईआरटी की लगभग 05 लाख 72 हजार 493 शिक्षाप्रद कहानियां, महान व्यक्तित्व की जीवनी के साथ ही दैनिक जीवन से जुड़ी घटनाओं फूडप्वा इजनिंग, अर्थक्वीक, फ्लड गणित और विज्ञान की ज्ञानपरक पुस्तकें समेत लगभग 155 अलग-अलग विषयों पर आधारित पुस्तकें बच्चों को नई दृष्टि प्रदान करेंगी। बीएसए गौतम कुमार ने बताया कि एनसीईआरटी की पुस्तकें प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के पुस्तकालयों में उपलब्ध होंगी। पुस्तकालय से पुस्तकें निकाल कर बच्चे पढ़ कर अपने ज्ञान और समझ का बढ़ा सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त