- स्वंतत्रता आंदोलन से जुड़े अभिलेखों व पुस्तकों के प्रति आमजन में उत्साह गोरखपुर, 04 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरुवार को शुरू किये गये चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव में 04 फरवरी, 1922 के दुर्लभ अभिलेखों और घटना का जीवंत परिचय कराती पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गयी है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संस्मरणों व गाथाओं पर आधारित प्रदर्शनी युवाओं, छात्र-छात्राओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही। प्रदर्शनी के नोडल अधिकारी डॉ मनोज गौतम ने बताया कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से चौरी-चौरा घटना में हुए बलिदान क्रांतिकारियों के संघर्ष व उनके महत्व की जानकारी जन-जन में पहुंचाने का कार्य होगा। प्रदर्शनी में दुर्लभ अभिलेखों, विविध पहलुओं का जीवंत परिचय कराती किताबों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। वहीं, अभिलेखागार की प्रदर्शनी में चौरी-चौरा संग्राम से जुड़े विधिक दस्तावेज, अदालती निर्णय आदि की पांडुलिपियों का अवलोकन किया जा सकेगा। वहीं, स्वतंत्रता आंदोलन पर आधारित पुस्तकों को भी इस प्रदर्शनी में स्थान मिला है। लिटिल फ्लावर स्कूल की छात्रा अविका ने बताया कि मैं अपने माता-पिता के साथ इस समारोह में शामिल हुई। यहां लगी प्रदर्शनी से हमें चौरी-चौरा घटना के बारे में ऐसे तथ्य जानने को मिले, जो पहले नहीं जानती थी। यह काफी रोमाचिंत और भावुक कर देने वाली प्रदर्शनी है। हिन्दुस्थान समाचार/पुनीत-hindusthansamachar.in