'गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के 1100 करोड़ रुपये के करीब राजस्व के रूप में फंसा'
'गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के 1100 करोड़ रुपये के करीब राजस्व के रूप में फंसा' 
उत्तर-प्रदेश

'गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के 1100 करोड़ रुपये के करीब राजस्व के रूप में फंसा'

Raftaar Desk - P2

नोएडा, 15 अक्टूबर (हि.स.)। गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के 1100 करोड़ रुपये के करीब राजस्व के रूप में फंसा हुआ है। यह रजिस्ट्री शुल्क के रूप में फंसे रुपये है। बिल्डरों ने फ्लैट्स बायर्स को फ्लैट पर कब्जा तो दे दिया लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराई। जिला गौतमबुद्ध नगर में 33,617 फ्लैट्स बायर्स ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री ही नहीं हुई। नियम के अनुसार कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद बायर्स की रजिस्ट्री करानी होती है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर नतीजा ये कि सरकार का एक हजार एक सौ करोड़ करोड़ से ज्यादा फंसा हुआ है। अब इसको बिल्डरों पर सरकार का नरम रुख कहा जाए या बिल्डरों की मनमानी यह कहना मुश्किल लग रहा है। यह जानकारी गौतमबुद्ध नगर डीआईजी स्टाम्प जीपी सिंह ने दी। गौतमबुद्ध नगर डीआईजी स्टाम्प जीपी सिंह ने गुरुवार को बताया कि प्राधिकरण ने जिन बिल्डर्स की योजनाओं को सीसी (कम्पलीशन सर्टिफिकेट) जारी किया गया, जिनकी सब लीज रजिस्ट्री कराने में कोई बाधा नहीं है, ऐसे 35,671 फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हुई जिसकी वजह से तकरीबन 1100 करोड़ रुपये रजिस्ट्री विभाग का फंसा हुआ है। जीपी सिंह कहना है कि राजस्व विभाग बिल्डर से लगातार संपर्क में है और कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्री हो ताकि राजस्व की प्राप्ति हो सके। राजस्व विभाग की कोशिश है कि उनको दस्तावेज मिल जाए, ताकि भविष्य में वह कोई कार्रवाई करना चाहे तो कागजों के आधार पर की जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/आदित्य/रामानुज-hindusthansamachar.in