सीईटीपी की लिखित गारंटी के बावजूद बैंक गारंटी उचित नहीं : सांसद
सीईटीपी की लिखित गारंटी के बावजूद बैंक गारंटी उचित नहीं : सांसद 
राजस्थान

सीईटीपी की लिखित गारंटी के बावजूद बैंक गारंटी उचित नहीं : सांसद

Raftaar Desk - P2

पाली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। सांसद पीपी चौधरी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष शिवदास मीना से मुलाकात कर सीईटीपी फाउंडेशन पाली को बैंक गारंटी से मुक्त करने के लिए अनुरोध पत्र सौंपा। सांसद ने पत्र में बताया कि पाली के पुनायता औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी संख्या-6 को जेडएलडी तकनीक पर अपग्रेड करने के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार परफॉरमेंस गारंटी देने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद परफॉरमेंस गारंटी के लिए ट्रस्ट की ओर से सीईटीपी प्लांट नंबर-6 पर जेडएलडी का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया। इसके लिए 99 करोड़ का वर्क ऑर्डर भी जारी किया जा चुका है। इस संबंध में फाउंडेशन की ओर से स्टाम्प पेपर पर लिखित गारंटी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दे दी गई है। इसके बाद भी बोर्ड की तरफ से बैंक गारंटी की मांग की जा रही है, जो कि वर्तमान परिस्थिति में संभव नहीं है। सांसद ने कहा कि वस्त्र से जुड़े उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को उपचारित करने की अपनी अलग लागत आती है और प्रतिस्पर्धा के युग में लघु उद्यमी का टिक पाना मुश्किल होता है। उनकी मांग पर पूर्व में वित्त मंत्रालय की ओर से 18 जनवरी 2018 को जीएसटी कौंसिल की 25वीं बैठक में एचएसएन कोड 1404 के तहत मेंहदी पाउडर को 5 फीसदी जीएसटी रेट पर रखने का निर्णय किया गया था। इसकी अधिसूचना 25 जनवरी 2018 को जारी की गई थी। उक्त अधिसूचना को राजस्थान अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग गुड्स एंड सर्विस टैक्स को नजर अंदाज करते हुए 6 मई 2020 को दी गई है। इसके बाद रूलिंग के कारण मेहंदी-हीना पाउडर को चैप्टर 18 फीसदी की दर से टैक्स वसूली की जा रही है। साथ ही विभाग की ओर से निरंतर मेहंदी पाउडर पर 18 फीसदी की दर से टैक्स के साथ-साथ बकाया पर ब्याज सहित चुकारे का नोटिस जारी कर व्यवसायियों पर दबाव बनाया जा रहा है, जो जीएसटी कौंसिल की अधिसूचना के अनुसार न्यायसंगत नहीं है। सांसद ने वित्तराज्य मंत्री ठाकुर से इस विवाद के जल्द निस्तारण के लिए मेहंदी पाउडर और मेहंदी पत्तों को एचएनएन वर्गीकरण कोड 1404 के अंतर्गत रखते हुए 5 फीसदी जीएसटी की श्रेणी में करने के लिए स्पष्टीकरण संबंधी दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित-hindusthansamachar.in