जयपुर, 12 अक्टूबर (हि.स.)। राज्य सरकार आम लोगों की भावना और जन अधिकार कार्यकर्ताओं की मंशा के अनुरूप काम करते हुए संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी शासन के लिए संकल्पबद्ध है। सूचना का अधिकार अधिनियम की पालना में स्थापित ‘जन सूचना पोर्टल‘ इसी दिशा में उठाया गया कदम है। आने वाले दिनों में इसके माध्यम से ऐसी व्यवस्था लागू की जाएगी, कि लोगों को किसी विभाग से जानकारी लेने के लिए सूचना आवेदन की आवश्यकता ही नहीं पड़े। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 लागू होने की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक राष्ट्रीय वेबीनार में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस कानून का लागू होना मामूली बात नहीं है। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की प्रतिबद्धता और निर्देशन में इस क्रांतिकारी कानून के माध्यम से देश के सभी नागरिकों को सूचना प्राप्त कर तथ्यों को जानने का अधिकार दिया गया है। गांधी तत्कालीन केंद्र सरकार की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरपर्सन थीं, जिसमें अरूणा रॉय भी सदस्य के रूप में शामिल थीं। सूचना का अधिकार लागू होने से शासन में पारदर्शिता बढ़ी गहलोत ने कहा कि आरटीआई से पूरे देश की शासन व्यवस्था में पारदर्शिता आई। इसके लिए सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया और कुछ कार्यकर्ताओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। भारत की जनता को इस कानून की आवश्यकता थी। दुनिया के दूसरे देशों में भी ऐसे सूचना अधिकार कानून लागू हुए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार लागू होने के बाद ग्लोबल आरटीआई इन्डेक्स में एक समय हम विश्व में दूसरे स्थान पर थे, लेकिन वर्ष 2018 आते-आते भारत की रैंकिंग छठे स्थान पर और उसके बाद और भी नीचे आ गई है। एक माह में मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य सूचना आयुक्त नियुक्त होंगे मुख्यमंत्री ने आगामी एक माह में राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त तथा अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति करने और आरटीआई आवेदन के माध्यम से सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया को 31 दिसम्बर तक पूरी तरह ऑनलाइन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में सोशल ऑडिट के लिए गवर्निंग बॉडी का गठन किया जाएगा और उसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी नामित किया जाएगा। दूसरी राज्य सरकारें भी शुरू करें ‘जनता पोर्टल‘ वेबीनार के दौरान पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने भी जन सूचना पोर्टल की तारीफ की और कहा कि इसने आरटीआई अधिनियम की धारा-4 को जीवंत कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल लोगों को सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है। उन्होंने इसे ‘जनता पोर्टल‘ नाम देते हुए कहा कि दूसरे राज्यों की सरकारों को भी ऐसे पोर्टल स्थापित करने चाहिएं। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in