बीटीपी ने राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष को भेजा समर्थन वापसी का पत्र
बीटीपी ने राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष को भेजा समर्थन वापसी का पत्र  
राजस्थान

बीटीपी ने राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष को भेजा समर्थन वापसी का पत्र

Raftaar Desk - P2

उदयपुर, 23 दिसम्बर (हि.स.)। उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले में पंचायत चुनावों के दौरान भाजपा व कांग्रेस के बीच अघोषित गठबंधन से खफा भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस लिए जाने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। बुधवार को बीटीपी के प्रमुख पदाधिकारियों ने डूंगरपुर में प्रेसवार्ता कर यह ऐलान किया और इसके बाद राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर राज्य की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापसी पर मुहर लगा दी। बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. वेलाराम घोगरा ने प्रेसवार्ता में बताया कि डूंगरपुर में पंचायत चुनाव में सामने आई परिस्थितियों और बीटीपी की मांगों पर सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से प्रदेश कार्यकारिणी ने गंभीर मंत्रणा के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने उनसे वादाखिलाफी की। यहां तक कि कांकरी डूंगरी प्रकरण में बीटीपी की छवि को नकारात्मक तरीके से पेश करते हुए कांग्रेस भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने इस प्रकरण का जिम्मेदार बीटीपी को बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कई लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए। बीटीपी के विधायकों पर 10-10 करोड़ लेने के आरोप भी कांग्रेस के नेताओं ने लगाए और बाद में मुकर गए, लेकिन बीटीपी की छवि खराब की गई। बीटीपी को नक्सली तक कहा गया, और तो और क्षेत्र में बढ़ती बीटीपी की लोकप्रियता से बौखलाकर डूंगरपुर जिला प्रमुख पद के लिए कांग्रेस ने भाजपा के साथ अघोषित गठबंधन भी कर लिया। डाॅ. घोगरा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के जनजाति पंचशील सिद्धांत को लेकर जनजाति विकास के मद्देनजर ही बीटीपी ने कांग्रेस को समर्थन दिया था, लेकिन उन्हें धोखा मिला। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप-hindusthansamachar.in