जयपुर, 16 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर ने कहा कि जनहित के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए तीनों नये कृषि कानून अन्नदाता की रीढ़ को मजबूत कर 21वीं सदी के उज्जवल भारत की नींव रखेंगे। डॉ. अलका गुर्जर बुधवार को भरतपुर में पत्रकारों से चर्चा कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि केवल कुछ निजी स्वार्थ से बंधे हुए लोगों द्वारा भारत के सीधे-साधे किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है जो कभी सफल नहीं होगा क्योंकि देश की जनता यह समझ चुकी है कि कौन अपना हित साधना चाहता है और कौन जनहित में काम करना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत गांवों का देश कहलाता है और देश के अधिकांश किसान मोदी सरकार की नीतियों के समर्थक हैं क्योंकि यह तीनों नए कृषि कानून वर्षों से दबाये जा रहे किसानों को उनका हक दिलवाएंगे और राजस्थान के पंचायती चुनाव परिणामों ने इस पर मोहर भी लगाई है पंचायती चुनाव में मतदाता अन्नदाता किसान ही होते हैं। डॉ. अलका ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बहुत सोच विचार करके निर्णय लिया कि देश के अन्नदाता की अगर किस्मत संवारनी है तो कुछ कठोर कानून बनाने होंगे जिनसे भारत की रीढ़ मजबूत होगी यानी हमारा अन्नदाता सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खरीद भी चालू है और पंजाब में ही धान की 54 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड खरीद हुई है। यह आंदोलन किसान विरोधी है। सरकार के अंधविरोधी परंपरा की बैलगाड़ी चलाना चाहते हैं जो अब संभव नहीं है। डॉ. गुर्जर ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा वन नेशन- वन मार्केट के तहत किसान को अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने के लिये व किसान अपनी फसल का सौदा अपने ही राज्य में नहीं, अपितु दूसरे राज्ये के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते है। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in