जेईई-एडवांस्ड में रहेगा इनोवेटिव पेपर पैटर्न
जेईई-एडवांस्ड में रहेगा इनोवेटिव पेपर पैटर्न  
राजस्थान

जेईई-एडवांस्ड में रहेगा इनोवेटिव पेपर पैटर्न

Raftaar Desk - P2

कोटा, 24 सितम्बर (हि.स.)। आईआईटी में एडमिशन के लिए 27 सितम्बर को होने वाली जेईई-एडवांस्ड का पेपर इनोवेटिव पैटर्न पर रहेगा। इसमें कंम्प्यूटर स्क्रीन पर यह परखा जाता है कि तीनों सब्जेक्ट में मस्तिष्क के आधार पर अपनी सोच विकसित की है या नहीं। इसमें केमिस्ट्री स्कोरिंग सब्जेक्ट है, इसलिये पेपर की शुरूआत केमिस्ट्री से ही करें , क्योंकि इसमें ब्रेन लेवल चेक होता है। तीनों विषयों के प्रश्नों में पूछा क्या है, इसे बारीकी से समझें। पेपर कंसेप्चुअल होने से आप दिमाग से सोचकर सही जवाब दे सकते हैं। गुरुवार को जेईई-एडवांस्ड पर एक वेबिनार में न्यूक्लियस एजुकेशन के निदेशक विशाल जोशी ने विद्यार्थियों को सफलता के महत्वपूर्ण टिप्स दिये। उन्होंने कहा कि एडवांस्ड पेपर में 3-3 घंटे के दो ऑनलाइन पेपर होने से बीच में ढाई घंटे केवल खुद की बैटरी रिचार्ज करें। आईआईटी के पेपर पैटर्न में हर बार कुछ चेंज होते हैं। डिफरेंट पैटर्न को भी चेक करना सीखें। माइनस मार्किंग के क्वेश्चन भी बदल सकते हैं। इसलिए पेपर में निर्देश जरूर पढ़ें। अच्छे स्कोर के लिए 5 बिग पाइंट इंटीजर क्वेश्चन सबसे पहले - पेपर में प्रभावी रणनीति बनाकर सबसे पहले इंटीजर को हल करें। न्यूमेरिकल क्वेश्चन को एक पल में चेक करते हुए चलें। कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। पेराग्राफ बेस्ड - फिर पेराग्राफ बेस्ड को लें। ऐसे अप्रत्यक्ष क्वेश्चन से सोच डेवलप हो जाती है। सोचने की आदत से आंसर देना आसान हो जाता है। इसमें प्रत्येक प्रश्न को संभलकर करें। क्वेश्चन पढ़कर घबराएं नहीं, क्योंकि आंसर आसान भी हो सकता है। मैच द कॉलम क्वेश्चन - इसमें निगेटिव मार्किंग नहीं होती है, इसलिए समय बचाएं। जिससे जल्दी मैच हो, उसे पहले कर लें। ए से बी मैच करें। लेकिन याद रखें मैच रिवर्स भी हो सकते हैं। याद रखें, एक से दो मैच भी हो सकते हैं। फिर सिंगल आंसर - कैलकुलेेशन में सिली मिस्टेक दिखती नही है। थ्योरिटिकल क्वेश्चन में नॉलेज है लेकिन सीधा आंसर नहीं है जो ‘ऑप्शन इलुमिनेशन थ्योरी’ से आंसर डेवलप कर सकते हैं। ऐसे में चार में से कोई तीन ऑप्शन फेल कर दो, चौथा सही होगा। अंत में मल्टीपल आंसर - ऐसे क्वेश्चन में एक या एक से अधिक सही आंसर हो सकते हैं। पेपर बनाने वाले चालाकी से ऐसे पूछते हैं कि आंसर एक ही रह जाए। इसमें क्वेश्चन मॉडरेट लेवल के होते हैं। अंतिम ऑप्शन तक यह ध्यान रखें कि छांटना क्या है। क्वेश्चन में गलत पूछा है तो गलत ही छांटना है। सबसे अलग है ‘ऑप्शन इलुमिनेशन थ्योरी’ - जेईई-एडवांस्ड की ऑल इंडिया मेरिट में अच्छी रैंक लाने के लिए यह थ्योरी बहुत काम की है। क्योंकि आपके पास नॉलेज है, तो आंसर नहीं जानते हुए भी अपना आंसर बना सकते हो। इससे आपको सभी आंसर की जानकारी हो जाएगी। क्वेश्वन में सारे ऑप्शन पढ़ने से मैमोरी बेस्ड गलती खत्म हो जाती है। ऑप्शन को लिमिट में रखने से पहले सारे ऑप्शन अवश्य देखें। इससे थ्योरी सब्जेक्ट में नेगेटिविटी खत्म हो जाती है। रि-थॉट नहीं दें खुद को एडवांस्ड टेस्ट का पेपर देते हुए थके हुए दिमाग से सही उत्तर भी गलत हो जाते हैं। याद रखें, ड्यूल नेचर या असमंजस में पेपर देने से उत्तर गलत ही होंगे। तीन घंटे के ऑनलाइन पेपर में ताजा मूड से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दें। उस पर थके दिमाग से दोबारा नहीं सोचें। पेपर के अंत में भी रि-थॉट से बचें। हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/संदीप-hindusthansamachar.in