जयपुर, 08 अक्टूबर(हिस.)। राज्य सरकार ने क्राउडसोर्सिंग इनिशिएटिव के माध्यम से प्रदेश भर के कलाकारों के डेटाबेस एकत्र करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार की पहल करने वाला यह देश का पहला राज्य है। शासन सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग और महानिदेशक, जवाहर कला केंद्र मुग्धा सिन्हा ने कहा कि कला, साहित्य और संस्कृति विभाग ने लोक कलाकारों की मदद करने के लिए 11 अप्रेल को ‘मुख्यमंत्री लोक कलाकर प्रोत्साहन योजना‘ आरम्भ की थी। सरकार द्वारा 9 लाख रुपये खर्च करके 337 कलाकारों को प्रोत्साहन किया गया था। शासन सचिव, कला एवं संस्कृति ने बताया कि क्राउडसोर्सिंग इनिशिएटिव के माध्यम से राज्य भर के कलाकारों के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। डिक्शनरी डॉट कॉम के अनुसार ‘क्राउडसोर्स‘ के तहत अक्सर इंटरनेट के माध्यम से आम जनता के योगदान से प्राप्त श्रम, सूचना, आदि का उपयोग किसी प्रोजेक्ट के लिए किया जाता है। सिन्हा ने जानकारी दी कि कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री, डॉ. बीडी कल्ला शनिवार 10 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे इस पहल की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘कॉल फॉर आर्टिस्ट डेटाबेस‘ के तहत कलाकारों के बुनियादी विवरण के अतिरिक्त प्रदर्शन कलाएं, दृश्य कलाएं, साहित्यिक कलाएं, लुप्त होती कलाएं, घुमंतू कलाएं, लोक कलाएं, जनजातिय जैसी कलाओं और अन्य कला शैलियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘गूगल फार्म‘ के माध्यम से डेटा को एकत्र करने में स्टेकहोल्डर कलाकारों तक पहुंचना और उन्हें शामिल करना सच्चे अर्थों में सहभागिता नीति और समावेशी दृष्टिकोण के अनुरूप है। कलाकारों के डेटाबेस उपलब्ध होने से सरकार उन्हें आवश्यक मदद दे सकती है। परफोरमिंग आर्ट्स के तहत संगीत कला में गायक, वादक एवं अन्य, फिल्म/टेलीविजन कला में अभिनेता/अभिनेत्री, निर्देशक, प्रोड्यूसर /लाईन प्रोड्यूसर, पटकथा लेखक, मेकअप कलाकार एवं अन्य शामिल हैं। इसी प्रकार नृत्य कला में शास्त्रीय, समसामयिक, पश्चिमी, लोक, जनजातिय एवं अन्य और अन्य कला स्वरूप के तहत नाटक, थिएटर, नुक्कड़ नाटक, तमाशा एवं नट कलाकार शामिल हैं। इसी तरह, दृश्य कला के तहत पेंट आर्ट में वॉटर कलर, ऑयल/एक्रेलिक, स्केच आर्ट, मंडाला आर्ट, प्रिंट मेकिंग, वुडकट, एमब्रॉयडरी आर्ट, डिजिटल आर्ट, ग्राफिक आर्ट एवं अन्य शामिल है। विजुअल आर्ट के तहत अन्य कला शैलियों में स्कल्प्चर, सिरेमिक्स, ब्लू पॉटरी सहित पॉटरी, टेक्सटाइल ब्लॉक मेकर्स, रंगोली/मांडना/फ्लोर अथवा वॉल आर्ट, ज्वैलरी थेवा अथवा मीनाकारी अथवा कुंदन, टैटू/गोदना एवं अन्य कलाएं भी शामिल है। साहित्यिक कला के तहत लेखक, अनुवादक, संपादक, प्रकाशक, कवि और जिनेलोेजिस्ट शामिल हैं, जबकि घूमंतू कला में केश सज्जा कलाकार, सर्कस, कठपुतली, बेहरूपिया और अन्य शामिल हैं। अन्य हैंडक्राफ्ट शैलियों में बुनाई, कढ़ाई, क्रोशेट, शटल, फोटोग्राफी, बढ़ईगीरी और अन्य शामिल हैं। सिन्हा ने जानकारी दी कि ‘गूगल फॉर्म‘ कैसे भरना है, यह इस इनिशिएटिव के लॉचिंग के अवसर पर प्रदर्शित किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर-hindusthansamachar.in