इकॉनॉमी बूस्टर डोज : रेलवे ने मालभाड़े में दी कई तरह की रियायतें
इकॉनॉमी बूस्टर डोज : रेलवे ने मालभाड़े में दी कई तरह की रियायतें  
राजस्थान

इकॉनॉमी बूस्टर डोज : रेलवे ने मालभाड़े में दी कई तरह की रियायतें

Raftaar Desk - P2

उदयपुर, 03 सितम्बर (हि.स.)। रेलवे माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए एक मिशन मोड पर है जिसके अन्तर्गत रेलवे ने अपनी मालभाड़ा नीति को संशोधित किया है। कोविड से संबंधित चुनौतियों के बीच भी प्रोत्साहन के माध्यम से ग्राहकों को अधिक छूट प्रदान की गई है। इन नए नीतिगत उपायों से सभी माल ग्राहकों को रेलवे के माध्यम से अपने माल के परिवहन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। अजमेर मंडल रेल प्रबंधक नवीन कुमार परसुरामका ने वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक महेश चंद जेवलिया को अजमेर मंडल से सम्बन्धित व्यापारियों व माल ग्राहकों को उपरोक्त माल नीति के अन्तर्गत रियायत, छूट व सुविधाएं देने के निर्देश दिए है। उल्लेखनीय है की तीव्र माल परिवहन के लिये मालगाडियों की औसत गति में वृद्धि हुई है। मालगाडिय़ों की औसत गति पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुनी की गई है, जिससे अब मालभाड़ा ग्राहकों का माल पहले की तुलना में तीव्र गति अर्थात कम समय में उनके यथा स्थान पहुंचता है। रेलवे की ओर से दी गई रियायतें, छूट और सुविधाओं के अनुसार लोडेड एवं खाली कंटेनरों के ढुलाई शुल्क में क्रमश: 5 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की छूट 30 अप्रैल 2021 तक के लिए दी गई है।15 प्रतिशत ‘बिजी सीजन सरचार्ज’ 1 अक्टूबर 2019 से वापस ले लिया गया है। कोयला, लौह-अयस्क और फिनिश्ड स्टील में 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की लंबी-लीड रियायत दी गई है । वही कोयला और लौह-अयस्क को छोडक़र सभी ट्रैफिक में 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक शॉर्ट-लीड रियायत दी गई है। -समूह-तृतीय टर्मिनलों पर, टर्मिनल-एक्सेस चार्जेज में 50 प्रतिशत तक की रियायत दी गई। 31 अक्टूबर तक कंटेनर ट्रैफिक पर स्टेबल चार्ज नहीं लगाया जाएगा। इसके अलावा बल्क/ लूज फ्लाई-ऐश और औद्योगिक लवण की ढुलाई में रियायत दी गई है। व्यस्त गुड्स शेड के बजाय वैकल्पिक माल शेड से बुक किए गए ट्रैफिक पर टर्मिनल चार्ज नहीं लगाया जाएगा। निजी गुड्स टर्मिनल और निजी साइडिंग नीतियां उदारीकृत की गई हैं। निजी साइडिंग में सह-उपयोगकर्ताओं पर अधिकतम सीमा को हटा दिया गया है। रेलवे में कवर्ड वैगनों पर ‘फ्री टाइम’ की छूट दी है। मिनी रेक के लिए दूरी 400 किलोमीटर से बढ़ाकर 2,500 किलोमीटर और 1500 किलोमीटर तक 5 प्रतिशत अधिभार की छूट दी गई है। इंडेंटेड पार्सल ट्रेनों की न्यूनतम संरचना जो पहले 20 पार्सल वैन थी उसे अब 15 पार्सल वैन तक किया गया है। व्यावसायिक विकास इकाइयों की स्थापना की गई है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप-hindusthansamachar.in