आरटीआई में केस डायरी उपलब्ध नहीं करवाने पर हाईकोर्ट का नोटिस
आरटीआई में केस डायरी उपलब्ध नहीं करवाने पर हाईकोर्ट का नोटिस 
राजस्थान

आरटीआई में केस डायरी उपलब्ध नहीं करवाने पर हाईकोर्ट का नोटिस

Raftaar Desk - P2

जोधपुर, 20 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(ज) की आड़ लेकर राजस्थान पुलिस द्वारा आवेदक को केस डायरी से सम्बन्धित सूचना उपलब्ध करवाने से इनकार करने के मामले में दायर याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और राजस्थान राज्य सूचना आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जैसलमेर निवासी बाबूराम चौहान की ओर से अधिवक्ता रजाक के. हैदर और पंकज एस. चौधरी ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि सूचना का अधिकार कानून की धारा 8(1)(ज) में केवल उन सूचनाओं को उपलब्ध करवाने से छूट दी गई है, जिनके सार्वजनिक होने पर अपराधियों के अन्वेषण, पकड़े जाने या अभियोजन की क्रिया में बाधा पहुंचती है। राजस्थान पुलिस इस प्रावधान का दुरुपयोग करते हुए उन मुकदमों से जुड़ी सूचनाओं को भी सार्वजनिक नहीं कर रही, जिनमें अनुसंधान पूर्ण करते हुए सक्षम न्यायालय में आरोप-पत्र पेश किया जा चुका है। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने जैसलमेर जिले के रामगढ़ पुलिस थाने में नहर से पानी चोरी के सम्बन्ध में 27 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने अनुसंधान के बाद केवल तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र पेश किया। इत्तिलादाता ने जैसलमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं राज्य लोक सूचना अधिकारी के समक्ष आरटीआई आवेदन कर केस डायरी और उससे सम्बन्धित समस्त दस्तावेज चाहे तो लोक सूचना अधिकारी जयनारायण मीना ने कहा कि प्रकरण में चालान पेश हो चुका है और प्रकरण विचाराधीन होने के कारण सूचनाएं धारा 8(1)(ज) के अनुसार अदेय है। आवेदक के पास न्यायालय से उक्त दस्तावेज प्राप्त करने का विकल्प है। प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. किरन कंग और राजस्थान राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त लक्ष्मणसिंह राठौड़ ने भी लोक सूचना अधिकारी के विनिश्चय को सही मानते हुए अपील खारिज कर दी। अधिवक्ता रजाक के. हैदर ने सूचना आयुक्त के निर्णय को आरटीआई कानून की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद जस्टिस विजय बिश्नोई ने राज्य सरकार के गृह विभाग के सचिव, जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और राजस्थान राज्य सूचना आयोग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश पारित किया है। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप-hindusthansamachar.in