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राजस्थान

एमएसीटी कोर्ट के कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों-हाईकोर्ट

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 15 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख विधि सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव, वित्त सचिव और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर पूछा है कि एमएसीटी कोर्ट में कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति सहित अन्य परिलाभों को लेकर भेदभाव क्यों किया जा रहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजस्थान मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण कर्मचारी एसोसिएशन की याचिका पर दिए। याचिका में कहा गया कि वर्ष 1998 में अधिसूचना जारी कर अधिकरण का गठन किया गया था। उस समय अधिकरण में एक स्टेनो, एक यूडीसी और तीन एलडीसी सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद सृजित किए गए थे। अधिकरण के गठन से लेकर अब तक पदों की संख्या में परिवर्तन नहीं किया गया। वहीं न तो पदों को क्रमोन्नत किया गया और ना ही कर्मचारियों को पदोन्नतियां दी गई। जबकि अधिकरण के समकक्ष फैमिली कोर्ट और एसीबी कोर्ट में शेट्टी पे-कमीशन की सिफारिशों के अनुसार पदोन्नतियां दी गई हैं। याचिका में कहा गया कि इस संबंध में राज्य सरकार के आलाधिकारियों सहित हाईकोर्ट प्रशासन को कई बार अभ्यावेदन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर