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राजस्थान

वर्कशॉप व ट्रेनिंग में दी रेंजर्स को वनों में फायर कंट्रोल की तकनीकी जानकारी

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 26 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की ओर से शुक्रवार को फॉरेस्ट फायर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप और ट्रेनिंग आयोजित की गई। इस दौरान रेंजर्स और स्टॉफ को वनों में लगने वाली आग को बुझाते समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुए नुकसान कम से कम रखने के उपाय बताए गए। इसके साथ ही आग बुझाते समय दूसरों के साथ खुद का बचाव किस तरह किया जाए, इसकी भी तकनीकी जानकारी दी गई। इंस्टीट्यूट के ट्रेनिंग कोर्स डायरेक्टर नरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि सुबह ट्रेनिंग सत्र का औपचारिक उद्घाटन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्रुति शर्मा ने किया। इसके पश्चात सत्र के दौरान अलग-अलग विशेषज्ञ अधिकारियों ने रेंजर्स, स्टाफ को वनों में लगने वाली आग को बुझाने संबंधी तकनीकी जानकारी दी। शर्मा के अनुसार ट्रेनिंग के दौरान रेंजर्स को बताया गया कि किस तरह से आग को बुझाते समय उन्हें खुद के साथ-साथ अपने साथियों और ग्रामीणों को भी बचाना चाहिए। अगर किसी वजह से दुर्घटना या अनहोनी हो जाती है तो वे किस तरह से लोगों और वन्य जीवों को बचाते हुए आग से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने रेंजर्स को काउंटर फायर तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से इसके सहारे वनों में आग से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। ट्रेनिंग के दौरान इंस्टीट्यूट निदेशक केसी अरुण प्रसाद ने भी रेंजर्स को उपयोगी जानकारी देते हुए वनों में लगने वाली आग के प्रकार बताते हुए समय रहते आवश्यक उपाय करने की जानकारी दी। अरण्य भवन के डीएफओ सुरेश मिश्रा ने वनों में आग लगने के दौरान ग्रामीणों का सहयोग किस तरह ले सकते हैं, इसकी जानकारी दी। डीसीएफ आईटी अशोक जैन ने रेंजर्स को फायर अलर्ट के बारे में जानकारी देते हुए इसके उपयोग के तरीके बताए। अंत में आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने रेंजर्स को गैस सिलेंडर सहित अन्य स्थानों पर आग लगने के बाद उसे बुझाने के उपाय बताते हुए प्रैक्टिकल डेमो भी दिए। उल्लेखनीय है कि 22 और 23 फरवरी के बाद उक्त ट्रेनिंग कार्यक्रम शुक्रवार को राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट में किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर