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BEd vs BTC: B.Ed करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, प्राथमिक शिक्षक पद के लिए BEd की डिग्री अमान्य

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राजस्थान का लंबे समय से चल आ रहा बीएसटीसी-बीएड (BSTC-B.ed) विवाद अब समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला दे दिया है। कोर्ट ने अपले फैसले में बीएड धारियों को प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए अपात्र माना है। अदालत ने अपने अहम फैसले में कहा है कि लेवल-वन के लिए बीएसटीसी व इसके समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होंगे।

खारिज की याचिका

इस विषय पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने यह आदेश केंद्र सरकार, एनसीटीई और बीएड योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों की विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए है।

राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को माना सही

अदालत ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवंबर, 2021 के फैसले को सही माना है। इसके तहत हाईकोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने गत जनवरी माह में सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या था मामला?

अपको बता दें कि, राजस्थान सहित देशभर में थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के लेवल-1 में बीएसटीसी और इसके समकक्ष डिप्लोमा धारियों को ही पात्र माना जाता था। वहीं लेवल-2 के लिए बीएड डिग्रीधारी होना जरूरी था। इसके बाद 28 जून 2018 को एनसीटीई ने एक नोटिफिकेशन निकालकर कहा कि लेवल-1 के लिए अब बीएड डिग्रीधारी भी पात्र होंगे। बस उनको नियुक्ति मिलने के बाद उन्हें 6 महीने में एक ब्रिज कोर्स करना पड़ेगा। इसी नोटिफिकेशन से पूरे देश में यह विवाद शुरू हो गया था। इसके चलते बीएसटीसी और बीएड डिग्रीधारी आमने-सामने हो गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट में नोटिफिकेशन के खिलाफ और पक्ष में याचिकाएं दायर हुई थीं, जिस पर उस समय कोई फैसला नहीं आ पाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

इस नोटिफिकेशन को लेकर बीएसटीसी व बीएड धारकों की ओर से याचिकाएं दायर की गई। हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ना केवल राजस्थान राज्य बल्कि देशभर की थर्ड ग्रेड टीचर लेवल-वन की भर्तियों में लागू होगा और उनमें केवल बीएसटीसी योग्यता धारक ही भर्ती के लिए पात्र माने जाएंगे।