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राजस्थान

सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े होंगे डिजिटल, आसान होगा विश्लेषण

Raftaar Desk - P2

- 'इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस’ (आईआरएडी) योजना की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित जयपुर, 07 अप्रैल(हि.स.)। अब सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े डिजिटल होंगे। इससे केंद्र और राज्य सरकारों के लिए दुर्घटनाओं को विश्लेषण करना आसान हो जायेगा। इसके लिए केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से ’इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस’ (आईआरएडी) योजना लागू की गई है। बुधवार को मंत्रालय की ओर से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें योजना की जानकारी देने के साथ तकनीकी समस्याओं के समाधान भी किया गया। इसमें पायलट प्रोजेक्ट में शामिल 6 राज्यों, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश से स्टेट और संबंधित विभागों के नोडल अधिकारी शामिल हुए। कार्यशालाा को परिवहन विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त व आईआरएडी के स्टेट नोडल अधिकारी रवि जैन ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पुलिस थानों के पुलिसकर्मी दुर्घटनाओं का मौका निरीक्षण कर डेटा को डिजिटल फॉर्मेट में एकत्रित कर रहे है। प्रदेश में अभी तक पुलिस और परिवहन विभाग के लगभग 3800 कार्मिकों को आईआरएडी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कार्यशाला में राजस्थान पुलिस से डीआईजी डाॅ. रवि ने प्रदेश में पुलिस टीम की ओर से किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी दी। इनके अलावा आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर वेंकटेश बालासुब्रमण्यम, एनआईसी के उप निदेशक पवन जोशी सहित मंत्रालय और आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों ने संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय केंद्र सरकार, आईआईटी मद्रास व एनआईसी द्वारा देश के 6 राज्यों कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश में इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस योजना लागू की गई है। इसके अंतर्गत सड़क दुर्घटना व उनसे होने वाली मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नीति निर्माण व कार्य योजना के निर्धारण के लिए आंकड़ों की ऑनलाइन रजिस्ट्री कर उनका वैज्ञानिक विश्लेषण एवं रियल टाइम परीक्षण किया जाएगा। अभी तक राजस्थान में 802 दुर्घटनाओं की मौके पर डिजिटल एंट्री की गई है। वहीं उत्तरप्रदेश में 734, महाराष्ट्र में 554, मध्यप्रदेश में 904, कर्नाटक में 1502 और तमिलनाडु में 2168 दुर्घटनाओं की एंट्री की जा चुकी है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर