बीकानेर, 07 जनवरी (हि.स.)। एंटी करेप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा गुरुवार को एक लाख रुपए की रिश्वत के एक मामले में पकड़ा गया आरोपी बिजली कंपनी का फील्ड इंजीनियर नहीं बल्कि वह ठेकेदार फर्म का कर्मचारी है। बीकानेर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लिमिटेड (बीकेईसीएल) के सीओओ शांतनू भट्टाचार्य ने दावा किया है कि आज उन्हें जानकारी मिली कि उपभोक्ता से रिश्वत लेते पकडा बिजली कंपनी का कर्मचारी है लेकिन वह बीकेईएसएल का कर्मचारी नहीं है बल्कि एक ठेकेदार फर्म का कर्मचारी है। बीकेईएसएल ने इस मामले में आन्तरिक जांच समिति गठित कर दी है जो पूरे मामले की गहनता से जांच करेगी। अभी बीकेईएसएल को एसीबी से इस प्रकरण की अधिकृत जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि कर्मचारी जिस उपभोक्ता से रिश्वत लेते हुए पकडा गया, उस मामले में तो रिव्यू कमेटी में पहले ही समझौता हो चुका है। यही नहीं उपभोक्ता नियमानुसार रिव्यू कमेटी में अपील करने से पहले नियमानुसार 25 प्रतिशत राशि जमा भी करा करा चुका है। भट्टाचार्य ने बताया कि एक बार विजिलेंस रिव्यू समिति में कोई मामला तय हो जाता है तो उसे बदलने का अधिकार किसी को नहीं है। विद्युत अधिनियम के नियमानुसार बिजली चोरी के मामले में वीसीआर भरने के बाद उपभोक्ता ने इस मामले में रिव्यू कमेटी में अपील की। समिति ने सुनवाई के बाद जुर्माना करीब 13 लाख रुपए की राशि तय कर दी, इससे उपभोक्ता सहमत हो गया। जोधपुर डिस्कॉम के विद्युत आपूर्ति नियमों के तहत उपभोक्ता ने 25 प्रतिशत यानि 6.68 लाख रुपए जमा कराने के बाद रिव्यू कमेटी में अपील की थी। समिति ने उपभोक्ता को जुर्माना राशि जमा कराने के लिए नियमानुसार एक माह का समय दिया है। यह अवधि अभी खत्म नहीं हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप-hindusthansamachar.in