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राजस्थान

अब बिना राशनकार्ड बन सकेगा जनआधार कार्ड

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 17 जून (हि.स.)। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के मकसद से शुरू की गई अहम योजना जनआधार कार्ड बनाने के मामले में सरकार ने अहम फैसला किया है। इसके तहत राज्य में जनआधार कार्ड बनाने वाले के पास अगर राशन कार्ड नहीं है तो भी उनका आवेदन निरस्त नहीं किया जाएगा। राजस्थान जनआधार प्राधिकरण के महानिदेशक ने एक आदेश जारी कर राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर्स को ये निर्देश दिए है। पिछले कुछ समय से ये शिकायतें आ रही थी कि जनआधार कार्ड के आवेदन के दौरान राशन कार्ड की कॉपी अपलोड नहीं करने पर आवेदक का आवेदन निरस्त किया जा रहा था। आवेदन निरस्त करने से उक्त आवेदकों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना सहित सरकार के तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था। लगातार मिल रही इन शिकायतों को देखते हुए सरकार ने जनआधार में राशन की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय किया है। राजस्थान जनआधार प्राधिकरण की ओर से एक आदेश जारी कर सभी कलेक्टर्स को ये निर्देश दिए कि उनके यहां जनआधार के लिए आने वाले आवेदन में अगर राशन कार्ड की कॉपी नहीं भी है तो भी उसे मंजूरी दे। प्राधिकरण के जारी आदेशों के मुताबिक परिवार के मुखिया का बैंक खाते का विवरण, परिवार के मुखिया व एक अन्य सदस्य का आधार कार्ड की कॉपी या उसके पंजीयन की रसीद और परिवार के सदस्यों के अलग-अलग फोटो आवेदन के साथ होने अनिवार्य है। इन तीनों शर्तो के पूरा होने की स्थिति में जनआधार कार्ड के आवेदन निरस्त नहीं होगा। देश में जिस तरह यूनिक आईडी की तरह हर व्यक्ति का आधार कार्ड होता है। ठीक उसी तरह राजस्थान के मूल निवासियों या यहां 10 साल से ज्यादा समय तक रहने वाले परिवारों के लिए यह राज्य की यूनिक आईडी है। यह कार्ड व्यक्तिगत न बनकर पूरे परिवार का एक साथ बनता है। इसी कार्ड के जरिए राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य के लोगों को मिलता है। पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय यह कार्ड भामाशाह के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम गहलोत सरकार ने बदलकर जनआधार कर दिया। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर