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राजस्थान

भरतपुर के वेंटीलेटर स्कैंडल को लेकर सरकार पर हमलावर हुए नेता प्रतिपक्ष कटारिया

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 12 मई (हि.स.)। भरतपुर के वेंटीलेटर स्कैंडल को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अब गहलोत सरकार पर हमलावर हो गए है। उन्होंने बुधवार को कहा कि सरकार भरतपुर के वेंटिलेटर स्कैंडल को छिपाने के लिए अब ऐसे आदेश निकाल रही है, जिससे लगे कि सरकार बिल्कुल पाक साफ है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुये कहा कि वह बताए कि प्रदेशभर के अस्पतालों में कितने वेंटीलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरण हैं जिनका सरकारी अस्पतालों में इस्तेमाल नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार मामले को रफा-दफा करने के लिए आनन-फानन में ऐसे आदेश निकाल रही है ताकि भरतपुर की घटना ज्यादा तूल नहीं पकड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम केयर फंड से भरतपुर को दिए गए वेंटिलेटर वहां के अधिकारियों ने 2000 रुपये प्रतिदिन किराए पर निजी अस्पतालों को दे दिए। निजी अस्पतालों ने आम मरीजों से इसके बदले में 40- 40 हजार रुपए तक वसूली की गई। कटारिया ने कहा कि यह सब दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को बताना होगा सरकारी अस्पतालों में ऐसे कितने संसाधन सर प्लस हैं। उल्लेखनीय है भरतपुर का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने भरतपुर कलेक्टर के आदेशों को आधार बनाकर पूरे प्रदेश में ऐसी ही व्यवस्था लागू की है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में इस्तेमाल नहीं होने वाले वेंटीलेटर निजी अस्पतालों को दिए जा सकेंगे। इसके बदले में मरीजों को वहां पैसे नहीं देने होंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि ऐसे वेंटीलेटर और कंसंट्रेटर जिनका उपयोग सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रहा है उन्हें निजी अस्पतालों को दिया जाए, लेकिन इसके साथ ही यह सुनिश्चित भी किया जाए कि निजी अस्पताल उसका किसी भी तरह का खर्च मरीजों से नहीं वसूलें। पूर्व में जिला कलेक्टर की ओर से निजी अस्पताल को वेंटीलेटर देने के फैसले पर सवाल उठ रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों वीसी के दौरान इस फैसले पर सकारात्मक टिप्पणी की थी। इस पर गुलाबचंद कटारिया ने बुधवार को तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वेंटीलेटर किराए पर जाने के बाद सरकार की किरकिरी हो रही थी। अब मामले पर पर्दा डालने के लिए सरकार ने आनन-फानन में ऐसे आदेश निकाले हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित / ईश्वर