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राजस्थान

शिक्षा विभाग के कनिष्ठ सहायक ने कोरोना में जीवन बचाने को दिया सहयोग का बड़ा ऑफर

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 06 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी की आपदा में एक तरफ दवाओं और मेडिकल उपकरणों से लेकर राशन तक की कालाबाजारी कर कुछ लोग अपनी जेबें भरने में मस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपना सर्वस्व कोरोना मरीजों के लिए लुटाने के लिए तैयार बैठे हैं। नागौर जिले की कुचामन सिटी तहसील के राणासर गांव स्थित माध्यमिक स्कूल के कनिष्ठ सहायक बजरंग सिंह शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर सरकार की ओर से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए तीन वर्ष की तनख्वाह मुख्यमंत्री कोविड 19 राहत कोष में देने की पेशकश की है। सरकार की ओर से अब तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं किया गया है। शेखावत की ओर से सरकार को दिए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि वे अगले 3 साल तक का वेतन फ्री वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए देना चाहते हैं। इसके लिए जून 2021 से मई 2024 तक का वेतन सरकार के कोष में स्थानांतरित किया जाए। शेखावत ने सीएम को लिखे पत्र में अपनी आईडी और तमाम जानकारियां भेजी है। अक्टूबर 2018 में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त हुए बजरंग सिंह का फिलहाल प्रोबेशन पीरियड चल रहा है। वह आगामी 6 महीने तक चलेगा। उन्हें वर्तमान में 14 हजार 600 रुपये प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। छह माह बाद उन्हें 24 हजार प्रतिमाह वेतन मिलने लगेगा। इस हिसाब से कुल मिलाकर 36 महीनों की उनकी सैलेरी 8 लाख 7600 रुपए होगी। इसे वे सहर्ष प्रदेश के लोगों की जान बचाने के लिए देना चाहते हैं। मूलतया सीकर जिले के रहने वाले बजरंग ने अपने पत्र में कहा है कि वे कुचामन उपखंड अधिकारी बाबूलाल जाट, सीनियर आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव, अमरीश कुमार, आलोक वशिष्ठ, मंजू राजपाल, दिनेश एमएन, पारीख देशमुख, व्याख्याता विनोद कुमार मीणा, सुशील कुमार शर्मा, रणजीत सिंह, दयाल जुलानिया, धर्मेंद्र गोदारा, कमल निष्ठा और राजेश कुमावत के साथ माता-पिता, पत्नी और परिवार की प्रेरणा से प्रभावित होकर इस सेवा कार्य के लिए आगे आए हैं। शेखावत का कहना है कि कोविड-19 महामारी की चपेट में आकर आए दिन लोगों की जान जा रही है। राज्य सरकार फ्री वैक्सीनेशन के लिए प्रयास कर रही है। इस कार्य के लिए वे भी अपनी ओर से 3 साल का वेतन देने की पेशकश कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे प्रदेश के बाकी कर्मचारी और अन्य लोग भी आगे आएंगे। फिलहाल उनके प्रस्ताव पर राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप