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राजस्थान

वार्ड में भर्ती मरीजों को बैड पर ही निशुल्क दवा और जांच सुविधा देने के निर्देश

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 23 फरवरी(हि.स.)। किसी भी राजकीय चिकित्सा संस्थान में वार्ड में भर्ती मरीज को मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना का लाभ उसके बैड पर ही मिलना चाहिए। भर्ती मरीज को अस्पताल के स्टाफ द्वारा ही योजनान्तर्गत दवा लाकर दी जानी चाहिए। जांच सैंपल भी मरीज के परिजनों के साथ न भेजकर वार्ड बाॅय द्वारा ही संबंधित लैब में पहुंचाया जाए और रिपोर्ट भी उन्ही के द्वारा लाकर दी जाए। यह निर्देश जयपुर संभाग के जिलों में सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना सहित अन्य गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के सम्बन्ध में सोमवार को संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सम्पन्न हुई बैठक में दिए गए। संभागीय आयुक्त डाॅ.समित शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना (एनएनडीवाई) के अंतर्गत कुल साढे सात सौ दवाइयां उपलब्ध हैं, अतः अस्पताल में आने वाले प्रत्येक रोगी को सभी दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं। आरएमएससी द्वारा अनुपलब्ध दवाएं भी स्थानीय स्तर पर क्रय कर रोगियों को उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी रूप में दवाईयों का आफलाईन उपभोग नहीं किया जाए। वार्ड में भर्ती मरीज के सहायक को बाहर दवा लेने नहीं भेजा जाए। वे दवााइयां जो आवश्यक दवा सूची में सम्मिलित नहीं है उन्हें परिसर में सहकारी उपभोक्ता भंडार अथवा जन औषधि योजना के माध्यम से ही कम कीमत पर उपलब्ध कराई जावेे। हर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, एसडीएच, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ओपीडी के बाद भी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। काउण्टर को आवश्यकतानुसार 24 घंटे तक भी खुला रखा जा सकता है। डाॅ. शर्मा ने मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के अंतर्गत निर्धारित सभी जांचे सुनिश्चित करने एवं सैम्पल लेने का समय 8 से 2 व 9 से 3 बजे तक बढाने के निर्देश दिए। साथ ही यथासंभव जांच रिपोर्ट उसी दिन ही ओपीडी समय में देना सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने ओपीडी समय में ही सैम्पल की जांच दो पारी में करते हुए सुबह आने वाले रोगियों को 11-12 बजे ही रिपोर्ट दिए जाने का सुझाव दिया। संभाग के हर एमसीएच, जिला अस्पताल, एसडीएच व 50 बैड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी ओपीडी समय के बाद भी सी.बी.सी, बायोकेमिस्ट्री, एक्स-रे, ई.सी.जी. जैसी आवश्यक जांचों की व्यवस्था रखने को कहा। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर