जयपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नीजी पीजी बोर्ड को आदेश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता सेवारत चिकित्सकों को इनसर्विस कैंडिडेट मानते हुए नीट पीजी के मोपअप राउंड में शामिल करें। न्यायाधीश अशोक गौड ने यह आदेश डॉ. हरीशरण व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में अधिवक्ता मोहित बलवदा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता चार साल पहले चिकित्सा सेवा में शामिल हुआ था। उसने नीट पीजी में इन सर्विस आरक्षण के लिए आवेदन किया था। वहीं नीट परीक्षा में उसे ओबीसी वर्ग में 290 अंक आए। जबकि बोर्ड की ओर से जारी ओबीसी की कट ऑफ 319 अंक और चालीस परसन्टाइल आई। वहीं बाद में बोर्ड ने संशोधित परिणाम जारी करते हुए कट ऑफ अंक 230 और बीस परसन्टाइल कर दिए। इसके चलते वह ओबीसी वर्ग में चयन के पात्र हो गया। याचिका में कहा गया कि गत 19 जुलाई को बोर्ड की ओर से जारी सीट ऑप्शन की सूची में याचिकाकर्ताओं को गैर सेवारत वर्ग में दिखा दिया और बोनस अंक देने से इनकार कर दिया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को इनसर्विस कैंडिडेट मानते हुए नीट पीजी के मोपअप राउंड में शामिल करने को कहा है। हिन्दुस्थान समाचार/पारीक/संदीप-hindusthansamachar.in