Efforts to persuade rebels in 90 bodies of Rajasthan intensify, withdrawal of name on Tuesday
Efforts to persuade rebels in 90 bodies of Rajasthan intensify, withdrawal of name on Tuesday 
राजस्थान

राजस्थान के 90 निकायों में बागियों को मनाने की कोशिश तेज, नाम वापसी मंगलवार को

Raftaar Desk - P2

जयपुर, 18 जनवरी (हि. स.)। प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों में हो रहे चुनाव में मंगलवार को नाम वापसी के अंतिम दिन से पहले बागियों को मनाने की मनुहार तेज हो गई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने बागियों को मनाने की आखिरी कोशिश कर रहे हैं। तय प्रक्रिया के अनुसार 19 जनवरी दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी का अंतिम मौका है। ऐसे में दोनों ही दलों के विधायक और स्थानीय नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं। 90 निकायों में एकमात्र नगर निगम अजमेर में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा को बड़े स्तर पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में बगावत ज्यादा है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं का दावा है कि वे नाम वापसी तक अधिकांश बागियों को मनाने में कामयाब हो जाएंगे। सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा में बगावत के पीछे एक वजह टिकट वितरण से नाराजगी भी है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में इस बार भी टिकट वितरण में विधायकों की चली है। पार्टी की ओर से टिकट वितरण के लिए लगाए गए पर्यवेक्षकों ने भी विधायकों की सलाह पर काम किया है। ऐसे में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण में जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए बागी प्रत्याशियों के तौर पर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है। भाजपा और कांग्रेस कैंप में सबसे बड़ी चिंता यही है कि अगर वे बागियों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाए तो चुनाव में दोनों दलों के बागी उनके प्रत्याशियों के लिए परेशानी खड़ी करते हुए उनके समीकरण बिगाड़ सकते हैं। यही कारण है कि बागियों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। कांग्रेस की ओर से तो बाकायदा बागियों को संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने तक का आश्वासन विधायकों की ओर से दिया जा रहा है। दूसरी तरफ नामवापसी तक अगर बागी चुनाव मैदान से नहीं हटते हैं तो फिर बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई संभव है। दोनों ही दल अपने-अपने बागियों पर अनुशासन का डंडा चलाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in