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राजस्थान

राजीव गांधी लिफ्ट नहर तृतीय चरण योजना को केन्द्र ने रोलिंग प्लान में किया शामिल

Raftaar Desk - P2

पाली, 09 मार्च (हि.स.)। राजीव गांधी लिफ्ट नहर के तृतीय चरण परियोजना के लिए राजस्थान सरकार की जापानी संस्था जायका से 1163.20 करोड़ के ऋण की स्वीकृति की दिशा में केन्द्र ने अपना कदम बढ़ा दिया है। केन्द्र ने राज्य सरकार द्वारा भेजे गए इंदिरा गांधी मुख्य कैनाल से राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल (आरजीएलसी चरण-3) को अपने रोलिंग प्लान अर्थात अनवरत योजना में शामिल कर कर लिया गया है। यह जानकारी संसद में पाली सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी द्वारा रखे गए एक सवाल में वित्त मंत्रालय ने अपने जवाब के रूप में दी है। सांसद चौधरी ने पश्चिमी राजस्थान की पेयजल समस्या को मद्देनजर रखते हुए और राज्य सरकार द्वारा उक्त परियोजना के लिए भेजे गए ऋण प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार की कार्यवाही के बारे में वित्त मंत्रालय से अतारांकित प्रश्न के माध्यम से जानकारी मांगी गई। इस पर वित्त मंत्रालय ने बताया कि उक्त परियोजना के तहत एक समानांतर वाहक प्रणाली नामक राजस्थान सरकार द्वारा भेजे गए परियोजना प्रस्ताव जिसमें जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) से 1163.20 करोड़ की विदेशी सहायता मांगी गई है, को संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों और नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर जेआईसीए की आवर्ती योजना (रोलिंग प्लान) में शामिल कर लिया गया है। सांसद चौधरी द्वारा वर्तमान समय में इस प्रस्ताव पर सरकार की प्रगति के बारे में पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्रालय ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के तकनीकी मूल्यांकन की प्रक्रिया के दौरान, आवास और शहरी मामले मंत्रालय ने गत 23 फरवरी को संशोधित लागत अनुमानों के साथ अपनी टिप्पणियों को राज्य सरकार द्वारा अनुपालनार्थ भेज दिया था। जिसकी सूचना राज्य सरकार को भेज दी गई है। गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने रेगिस्तानी क्षेत्र के जोधपुर, फलौदी, बिलाड़ा, पीपाड़ सिटी और समदड़ी नगरों और 2104 गांवों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए राजीव गांधी लिफ्ट नहर तृतीय चरण योजना के शीघ्र पूरा करने की जरूरत बताते हुए प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष पत्र के माध्यम से रखते हुए जल्द ऋण की स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय को निर्देशित करने का आग्रह किया था। सतत परियोजना के तहत 9 सीबीजी संयंत्र चालू देशभर में सस्ते और स्वच्छ परिवहन ईंधन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा सतत विकल्प योजना के तहत 9 सीबीजी संयंत्र चालू करते हुए आपूर्ति शुरू कर दी गई है। यह जानकारी पाली सांसद चौधरी द्वारा सदन में रखे गए एक सवाल में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने सांसद के सवाल पर सदन को बताया कि गुजरात, महाराष्ट्र में 3-3 और आंध्रप्रदेश, हरियाणा और तमिलनाडु में 1-1 सीबीजी संयंत्रों के माध्यम से परिवहन क्षेत्र के लिए वैकल्पिक एवं स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति की जा रही है। इन संयंत्रों को उद्यमियों और निजी कंपनियों द्वारा स्थापित किया गया है जिन्होंने इन संयंत्रों को विकसित करने के लिए ओजीएमसीज द्वारा जारी किए गए एलओआईज के आधार पर वित्तीय संसाधन जुटाए हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार की ओर से 1 अक्टूबर 2018 को परिवहन क्षेत्र के लिए एक वैकल्पिक और स्वच्छ ईंधन के उत्पादन और सीबीजी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एसएटीएटी की पहल शुरू की गई थी। यह योजना 2023-24 तक 5 हजार सीबीजी संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईयपी