Bikaner Eco-Brick Project will be implemented in all affiliated technical colleges
Bikaner Eco-Brick Project will be implemented in all affiliated technical colleges 
राजस्थान

सभी सम्बद्ध तकनीकी महाविद्यालयों में लागू होगी बीकानेर की इको ब्रिक परियोजना

Raftaar Desk - P2

बीकानेर, 09 जनवरी (हि.स.)। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण एवं पारिस्थितिकी संतुलन के प्रति तकनीकी शिक्षा के विद्यर्थियों एवं प्रदेश के सभी सम्बद्ध 42 महाविद्यालयों में जागरूकता लाने के लिए नवाचार के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी अभिनव योजना का क्रियान्वयन करने जा रहा है। सहायक जनसम्पर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि पॉलिथिन के बढ़ते प्रयोग को कम करने के लिए विश्वविद्यालय के सामाजिक दायित्व एवं पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा इको ब्रिक परियोजना शुरू की गई है। इसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महाविद्यालयों की फैकल्टी एवं छात्रों को इको ब्रिक के विषय में जानकारी दी जाएगी एवं उन्हें समाज में इसके लिए जागरूकता लाने का दायित्व भी दिया जाएगा। बीटीयू के कम्प्यूटर विभाग के संकाय सदस्य लक्ष्मण सिंह खंगारोत ने ईको ब्रिक कलेक्शन एप विकसित किया है। बीटीयू में ऑनलाईन बैठक के दौरान एप का लोकार्पण बीटीयू के कुलपति प्रो. एच. डी. चारण द्वारा किया गया तथा खंगारोत द्वारा एप का डेमोस्ट्रेशन किया गया। एप द्वारा विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों के संकाय सदस्य, स्टॉफ मेम्बर्स, विद्यार्थियों द्वारा संग्रहित की गई इको ब्रिक का रिकार्ड रखा जा सकेगा एवं परियोजना से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। एप के माध्यम से संग्रहित की गई इको ब्रिक्स का रिकार्ड रखना बहुत ही आसान हो जाएगा। परियोजना से संबंधित अधिकतर कार्य पेपरलेस हो जाएगा। बीटीयू के कुलपति प्रो. चारण ने बताया कि इको ब्रिक प्रोजेक्ट के अंतर्गत घरों में प्रयोग में आने वाली पॉलिथिन्स को इधर उधर फैंकने के बजाय एक प्लास्टिक बोतल में संकाय सदस्य की अधिकतम संग्रहण सीमा तक संग्रहित कर लिया जाता है। इससे बोतल सख्त हो जाती है एवं यह काफी मजबूत एवं ठोस होती है। इसके उपरान्त इन इकोब्रिक्स का उपयोग घर और दीवार बनाने, सडक़ निर्माण इत्यादि में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए विश्वविद्यालय में समिति का गठन किया गया है, जो इस कैम्पेन की मॉनिटरिंग करेगी एवं स्टाफ तथा विद्यार्थियों को इस प्रोजेक्ट से जुडऩे के लिए प्रेरित करेंगी। इसी के तहत विश्वविद्यालय एवं सभी संगठित महाविद्यालय परिसर में इकोब्रिक्स एकत्रित करने के लिए संग्रहण केन्द्र बनाए गए हैं। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी सम्बद्ध महाविद्यालय और विद्यार्थियो को इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है, ताकि सभी पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपने सामाजिक जिम्मेदारियों का अहसास कर सके। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in