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राजस्थान

अलवर ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के दौडऩे के लिए नहीं है ट्रैक, वे खतरे में जान डाल दौड़ते है रोड़ पर

Raftaar Desk - P2

अलवर, 05 फरवरी (हि.स.)। अलवर जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी युवाओं को दौड़ने के लिए ट्रैक नहीं बने हुए। जिस कारण युवा हाईवे सहित ग्रामीण क्षेत्र में बनी मुख्य सड़कों पर दौड़ लगाते हैं। इस कारण हमेशा हादसों की आशंका बनी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों युवा फ़ौज व पुलिस में भर्ती होने के लिए रोजाना दौड़ लगाने के लिए प्रैक्टिस करते हैं। अकबरपुर, तालवृक्ष, बामनवास काकड़, उमरैण, तोलावास गांव सहित जिले के अन्य कई गांव में आसपास कहीं पर ना तो दौडऩे के लिए ट्रैक है ना ही कोई मैदान। जिस कारण युवा सुबह अलवर-जयपुर रोड़ पर दौड़ लगाते है। इसके बाद रोड़ पर ही वे एक्सरसाइज़ करने को भी मजबूर हैं। जबकि अलवर-जयपुर मुख्य रोड़ होने के कारण इस रोड़ पर भारी आवागमन रात दिन हमेशा बना रहता है। ऐसे में युवा अपनी जान हथेली पर रख देश की सुरक्षा के लिए तैयार होने की तैयारी कर रहे हैं। यहां दौडऩे व एक्सरसाइज के दौरान हमेशा युवाओं को दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। हालांकि युवाओं में देशभक्ति का यह जज्बा इन विषम परिस्थितियों पर भारी है। ग्रामीण युवा सुरेंद्र यादव निवासी अकबरपुर ने कहते हैं- “ट्रैक व मैदान नहीं होने रोड़ पर दौड़ लगाना ग्रामीण युवाओं की मजबूरी है। सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को कई बार बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।" अकबरपुर के ही ललित जोगी भी सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, भर्ती होने के लिए अलवर जयपुर रोड़ पर सुबह दौड़ लगाते है। जोगी कहते हैं "रोड़ पर भारी यातायात के बीच दौड़ लगाने के दौरान हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।" वहीं अंकित शर्मा ने बताया कि मेरे साथ करीब 50 युवा आर्मी पुलिस में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे है। आसपास 30 गांव छोटे बड़े और भी है लेकिन कही भी ट्रैक या मैदान नही है। इस रोड पर पहले भी दौड़ लगाने वाले युवा हादसे का शिकार हो चुके है। फिटनेस बनाए रखने के लिए दौड़ते है युवा- ग्रामीण युवाओं में बचपन से ही सेना व पुलिस की भर्ती देखने का जुनून होता है। इसलिए दौड़ व फिटनेस बनाए रखने के लिए गांव के युवा कड़ी मेहनत कर दौड़ व एक्सरसाइज़ करते है ताकि उन्हें फौज व पुलिस में नौकरी मिल जाये। जिसके लिए वह अलसुबह जल्दी खड़े होकर दौड़ लगाते है। शहरों में तो ट्रैक व मैदान होने के कारण युवाओं को परेशानी नही होती लेकिन ग्रामीण एरियो में ऐसा नही है। रोड पर दौड़ने वाले युवाओं को हमेशा हादसे की रहती आशंका- ग्रामीण क्षेत्रों में रोड पर दौड़ने वाले युवाओं के साथ हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं सड़क पर दौड़ने स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विष्णु गुप्ता का कहना है कि युवाओं को पक्के व कच्चे में दौड़ लगाने से अधिक फर्क नहीं पड़ता लेकिन किसी बीमारी से ग्रसित युवा के घुटने में कच्चे की अपेक्षा पक्के रोड़ पर दौड़ना थोड़ा नुकसान देह हो सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/ मनीष बावलिया/ ईश्वर-hindusthansamachar.in