पश्चिम रेलवे : ओखा से पश्चिम बंगाल के लिए 57,000 किलोग्राम मछलियों का परिवहन
पश्चिम रेलवे : ओखा से पश्चिम बंगाल के लिए 57,000 किलोग्राम मछलियों का परिवहन  
महाराष्ट्र

पश्चिम रेलवे : ओखा से पश्चिम बंगाल के लिए 57,000 किलोग्राम मछलियों का परिवहन

Raftaar Desk - P2

मुंबई, 19 सितंबर, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे की बिजनेस डेवलपमेंट इकाइयां अभिनव विचारों और पहलों को शामिल करके माल बाजार में व्यापार की सम्भावनाओं में सुधार करने का उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। इसी श्रृंखला में, राजकोट डिवीजन के बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (BDU) की अभिनव पहल के परिणामस्वरूप, पश्चिम बंगाल के लिए ओखा स्टेशन से पार्सल विशेष ट्रेनों में मछली परिवहन शुरू किया गया है। पार्सल विशेष ट्रेन की सिर्फ 3 हालिया यात्राओं में लगभग 57,000 किलोग्राम मछली का परिवहन किया जा चुका है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, 19 अगस्त से 24 अगस्त 2020 तक वाणिज्यिक विभाग द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया था, ताकि नियमित रेलगाड़ियों की अनुपलब्धता की स्थिति में नये माल ग्राहकों को आकर्षित करने की सम्भावनाओं का पता लगाया जा सके। इस सम्बंध में ओखा पोर्ट के कई मछली व्यापारियों से सम्पर्क किया गया और विचार-विमर्श किया गया, जिसमें यह पाया गया कि पश्चिम बंगाल में मछली की बहुत अच्छी मांग है। ऐसे में राजकोट मंडल के बीडीयू को एक अभिनव संकल्पना सूझी, जिस पर अमल करते हुए मछलियों के पार्सलों को पहले ओखा से पार्सल वैन में लोड कर राजकोट लाया गया और उसके बाद, राजकोट स्टेशन पर पोरबंदर-शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन में इन पार्सल वैनों को जोड़ने की व्यवस्था की गई। बीडीयू के इन अनूठे प्रयासों की बदौलत 8, 12 और 16 सितम्बर, 2020 को क्रमशः 18,000 किग्रा, 16,650 किग्रा और 22,320 किग्रा मछलियों को पोरबंदर -शालीमार पार्सल स्पेशल ट्रेन में भेजने के लिए ओखा से पश्चिम बंगाल के पार्सल वैन में लोड किया गया। इस प्रकार केवल 3 यात्राओं में ओखा से पश्चिम बंगाल तक कुल 56,970 किलोग्राम मछलियों को पहुंचाया गया। इसके फलस्वरूप प्राप्त राजस्व 4.16 लाख रुपये रहा। पश्चिम रेलवे द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न इन्सेंटिव योजनाओं के कारण यह लोडिंग सम्भव हो पाई है। मछलियों के परिवहन का यह व्यापार आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की सम्भावना है। ठाकुर ने बताया कि 18 सितम्बर, 2020 को तीन पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस - जम्मू तवी और पोरबंदर - शालीमार विशेष ट्रेनों के अलावा पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए एक दूध स्पेशल ट्रेन शामिल हैं। 23 मार्च से 17 सितम्बर, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 1.27 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 547 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 42 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 90 दूध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें लगभग 68 हजार टन भार था और वैगनों का 100% उपयोग हुआ। इसी तरह 417 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियां 41 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा 17 हजार टन भार वाले 40 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये। 22 मार्च से 17 सितम्बर, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 15,222 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा ,31.99 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 29,878 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 14,931 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 14,947 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 2606 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 396 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 2210 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 17 सितम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 430.69 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 208 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 66.77 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in