कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी ने मुंबई में निकाली रैली
कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी ने मुंबई में निकाली रैली 
महाराष्ट्र

कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी ने मुंबई में निकाली रैली

Raftaar Desk - P2

मुंबई, 24 सितंबर (हि.स.)। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को मुंबई नए कृषि बिल के विरोध में विशाल बाइक रैली निकाली। आप पार्टी ने नए विधेयक को काला कानून और किसान विरोधी बताते हुए इसे फौरन वापस लेने की मांग की है। मुंबई के अंधेरी (पूर्व) स्थित चकाला से दादर के शिवाजी पार्क बाइक रैली निकाली गई। बड़ी संख्या में जमे आप कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बैनर-पोस्टर लहराए।आप पार्टी ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने चकाला स्थित पार्टी कार्यालय को घेर लिया और बैनर पोस्टर जब्त कर लिए। बावजूद इसके रैली निकाली गई। आप पार्टी ने किसानों के 25 सितंबर के भारत बंद आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। पार्टी की मुंबई प्रभारी प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि केंद्र सरकार ने असंवैधानिक तरीके से राज्यसभा में किसान विरोधी बिल पारित करवाया। केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल में किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी नहीं है। इससे उद्योगपतियों को फायदा होगा, किसानों को नुकसान होगा। किसानों और विपक्ष की आवाज को अनसुनी करके पूंजीपतियों के दवाब में केंद्र सरकार ने लोकसभा व राज्यसभा में तीन किसान विरोधी बिल पास किए हैं। खासकर राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद असंवैधानिक तरीके से किसान विरोधी बिल पास किया गया। इससे पूरे देश के किसान गुस्से में हैं। प्रीति शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कानून बनाया है, वह पूरी तरह से किसान विरोधी है। इससे किसान को अपने खेतों का मालिक न होकर कार्पोरेट घरानों के हाथ में अपनी जमीन गिरवी रखने को मजबूर कर दिया जाएगा। वह अपने ही खेतों में मजदूर की हैसियत में पहुंच जाएगा। यह पूरी तरह से हमारे देश के मेहनतकश और स्वाभिमानी किसानों को और गरीब करने वाला षड्यंत्र है और अन्यायकारी है। इससे केवल बड़े उद्योगपतियों का ही फायदा होगा। इसका नुकसान केवल किसान ही नहीं ,बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी उठाना पड़ेगा। कालाबाजारी बढ़ेगी और बड़े उद्योगपति मनमानी कीमत वसूलेंगे। कृषि उत्पादों की कीमत बढ़ेगी , जिसका असर यह होगा कि आम जनता को भी महंगी कीमत पर खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पाद खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। इस काले कानून को वापस लिया जाए। पूरा देश इस समय भाजपा सरकार के इस काले कानून के विरोध में कमर कस कर खड़ा है। हिन्दुस्थान समाचार / विनय/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in